आरएएस मुख्य परीक्षा हुए एक महीना बीत चुका है। राजस्थान हाईकोर्ट की मुख्य परीक्षा (ras mains 2018)के परिणाम निकालने पर रोक कायम है। इसके खिलाफ खुद आयोग ने एसएलपी दायर की है। अव्वल तो इनका हाईकोर्ट स्तर पर निस्तारण होना है। इसके अलावा आयोग जल्दबाजी में अभ्यर्थियों की कॉपियां जांचने और परिणाम तैयार करने का इच्छुक नहीं है। अध्यक्ष दीपक उप्रेती (deepak upreti) चाहते हैं, कि साल 2018 की आरएएस एवं अधीनस्थ सेवा भर्ती त्रुटिरहित हो। साथ ही अभ्यर्थियों के पदस्थापन में कार्मिक विभाग को भी परेशानियां नहीं आए।
हाईकोर्ट के आदेशों के बाद परीक्षा परिणाम जारी करने, साक्षात्कार कार्यक्रम (imterview schedule) तय करने और उसे पूरा करने में आयोग को चार से पांच माह लग सकते हैं। ऐसी स्थिति में साल 2020 में ही भर्ती (recruitment) प्रक्रिया पूरा हो सकेगी। इस दौरान किसी याचिका (litigation) या अन्य कोई पेच नहीं आया तो ही अभ्यर्थियों को पदस्थापन मिल सकेंगे।
-23 और 24 दिसंबर को प्रारंभिक परीक्षा कराने को लेकर जयपुर में अभ्यर्थियों ने दिया धरना-ओबीसी और एमबीसी अभ्यर्थियों की मांग पर 28 और 29 जनवरी को परीक्षा का फैसला
-फिर धरने-प्रदर्शन के बाद 25 और 26 जून को परीक्षा कराने का फैसला -सिंगल बैंच ने दो डिलीट करने और परिणाम दोबारा जारी करने के दिए आदेश
-खंडपीठ ने सिंगल बैंच के फैसले को किया निरस्त (क्वैश)
आरएएस प्री. परीक्षा का आयोजन-5 अगस्त (पंजीकृत 4 लाख 97 हजार 048, परीक्षा में बैठे-3 लाख 67 हजार)
आरएएस प्री. परीक्षा का परिणाम-23 अक्टूबर
(पंजीकृत-22 हजार 984, परीक्षा में बैठे-18 हजार अभ्यर्थी)