एक माह पूर्व नगरपरिषद के अधिकारी चिकित्सालय में ऑक्सीजन प्लांट के लिए स्थान चयन करने गए तो चिकित्सालय प्रबंधन ने क्षतिग्रस्त बायोवेस्ट कमरे को उस पर प्लांट बनाने के लिए जगह चिह्नित करा दी लेकिन बायोवेस्ट के लिए अलग से कमरा बनने के बाद ही कमरे को हटाने क बात कही। इस पर परिषद ने १० बाई १२ नाप के कमरे की लम्बाई के टेण्डर निकाल दिए लेकिन जिस दिन टेण्डर खुलने थे, उसकी दिन प्रबंधन ने आपत्ति जताई कि कमरे का साइज १२ बाई १५ होना चाहिए। इस पर पुराने टेण्डर को निरस्त करना पड़ा, वहीं दूसरा टेण्डर निकाला गया। इसमें आठ से दस दिन समय खराब हो गया। फिर चार लाख रुपए की लागत से कमरे का निर्माण हो गया। इसके बाद चिकित्सालय प्रबंधन को जगह देने को कहा, लेकिन प्रबंधन ने फिर वहां पर प्लांट लगाने के लिए इनकार कर दिया। इसके लिए बच्चों के आईसीयू के पास जगह पर फाउंडेशन बनाने के लिए जगह दिखा दी लेकिन उस जगह पर जनरेटर तथा हट बनी हुई है। इसे हटाने के बाद ही फाउण्डेशन बनाने की बात कही जा रही है। इसी फेर में जगह को लेकर एक माह निकल गया। इससे प्लांट लगाने में देरी होती जा रही है।
इनका कहना है