कुलपति प्रो. आर. पी. सिंह पूर्व राज्यपाल राज्यपाल कल्याण सिंह (kalyan singh) के बेहद नजदीक थे। इसके चलते उन्हें जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय सहित महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय में उन्हें कुलपति (vice chancellor) पद पर नियुक्ति मिली। इस लिहाज से प्रदेश के अन्य कुलपतियों की तुलना में प्रो. सिंह सबसे शक्तिशाली हैं।
कलराज मिश्र राजस्थान के राज्यपाल (governor of rajasthan) बन चुके है। वे राज्यपाल होने के साथ-साथ राज्य के सभी विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति (chancellor) भी हैं। इस लिहाज से राजभवन में भी समीकरण बदल गएहैं। हालांकि राज्यपाल मिश्र भी उत्तरप्रदेश हैं। मौजूदा राज्यपाल के नजदीकी होने से संभवत: मिश्र भी उच्चाधिकारियों से सलाह लेने के बाद ही कदम उठाएंगे।
सीजे एस. रविंद्र भट्ट की खंडपीठ (highcourt double bench) ने कुलपति प्रकरण में फैसला सुरक्षित रखा है। अदालत ने फैसला सुनाने के लिए कोई तारीख मुकर्रर नहीं की है। राज्यपाल कलराज मिश्र जल्द कोई विधिक राय (legal advice) लेंगे। उधर सरकार विधानसभा (state assembly) में विश्वविद्यालय की विधियां (संशोधन) विधेयक 2019 पारित कर चुकी है। इसमें विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को हटाने को लेकर प्रावधान सुनिश्चित किया गया है। ऐसे में मदस विश्वविद्यालय के मामले में तीनों को अहम फैसला लेना जरूरी होगा।