केस संख्या एकहरजीत सिंह रावत पद परिचालक, गांव अतीतमंड ब्यावर, हाल कार्यरत परिचालक, रोडवेज। पड़ोस में दीवार के विवाद में बीच बचाव करने के दौरान धारदार हथियार से चोटिल। पेट के अंदरुनी हिस्से में चोटें।
जवाहरलाल नेहरू चिकित्सालय के मेल सर्जिकल वार्ड संख्या दो में अर्द्धचेतन अवस्था में हरजीत मात्र आंखों के इशारे से अपनी बात कह रहा है। उसके बिस्तर के पास पत्नी सुमन, बहन ममता, भाभी किरण मौजूद। पत्रिका के पहुंचने पर आशा भरी निगाहों से देखा। पत्नी बोली रोडवेज का चिकित्सा वाला कार्ड नहीं होने से दवाएं व जांचें बाहर से लानी पड़ रही। अब तक 30 हजार से अधिक जेब से खर्च।
केस संख्या दो जयसिंह परसोया रोडवेज परिचालक, देवनगर पुष्कर, हाल कार्यरत परिचालक रोडवेज। सरदार शहर में तबीयत बिगड़ी, एंबुलेंस से अजमेर लाए। 10 जून को सुबह अजमेर से सरदार शहर बस लेकर गया। सरदारशहर में तबीयत बिगड़ी, एंबुलेंस से अजमेर लाए। शरीर का दाहिना हिस्सा रह गया। आवाज बंद हो गई। सिर की नसों में क्लॉट या थक्का पाया गया। अभी पुष्कर रोड िस्थत एक निजी अस्पताल में न्यूरो मेडिसिन विभाग में उपचाररत। विभाग ने कार्ड अपडेट नहीं कराया। अब तक परिजन के एक लाख दस हजार रुपए खर्च। इलाज लंबा चलेगा।
इनका कहना है मुख्यालय स्तर पर प्रबंधक वित्त ने बैठक ली है। ऐसी शिकायतें प्रदेश भर से आ रही है। जल्द ही समाधान का प्रयास किया जाएगा।सुदीप शर्मा, वरिष्ठ प्रबंधक, केन्द्रीय रोडवेज बस स्टैंड, अजमेर।