एक्सईएन रूरल के पास ही लम्बित हैं 35 प्रकरण अजमेर डिस्कॉम के अजमेर सिटी सर्किल के तहत कुल बकाया 41 यूसी सीसी में से 35 अकेले मदार में स्थित अधिशाीषी सहायक अभियंता ग्रामीण दिनेश सिंह के अधीन बकाया है। जबकि बकाया 7 कार्यों की तकनीकी स्वीकृति भी एक्सईएन कार्यालय में ही लंबित हैं। दिनेश सिंह को निगम ने ब्यावर में करोड़ों रुपए की बिजली चोरी के मामलों में लापरवाही बरतने पर एपीओ कर दिया था। उन्हें चार्जशीटें जारी की गई हैं।
पुष्करविधायक सुरेश सिंह रावत ने बिजली से संबंधित 18 कार्य के अनुशंसा की थी जिनमें से 5 की तो तकनीकी स्वीकृति ही नहीं मिली है जबकि 2 में राशि प्राप्त होने के बाद भी कार्य शुरु नहीं हो सका। 11 प्रोजेक्ट ऐसे हैं जिनका उपयोगिता प्रमाण पत्र व कार्य संपूर्णता प्रमाण पत्र ही नहीं मिल सका।
ब्यावर ब्यावर विधायक शंकर सिंह रावत 3 कार्यों की उपयोगिता प्रमाण पत्र अधीक्षण अभियंता ने जिला परिषद को अब तक उपलब्ध नहीं करवाई। नसीराबाद नसीराबाद के पूर्व विधायक रामनारायण गुर्जर के कार्यकाल में 17 कार्य में से दो कार्य की तकनीकी स्वीकृति बिजली विभाग के अधीक्षण जारी नहीं की गई जबकि 15 कार्य ऐसे हैं जिनका पैसा प्राप्त हो जाने के बाद भी उपयोगिता प्रमाण पत्र या कार्य पूर्णता प्रमाण पत्र अजमेर डिस्कॉम नहीं दे सका।
अजमेर उत्तर अजमेर के वर्तमान विधायक वासुदेव देवनानी के स्वीकृत एक कार्य का उपयोगिता प्रमाण पत्र डिस्कॉम ने नहीं दिया है। कांग्रेस विधायकों के भी है कई कार्य बाकीऐसा नहीं है कि निगम के अधीक्षण अभियंता केवल भाजपा विधायकों के ही के कार्य में ही ढिलाई बरत रहे हैं मसूदा विधायक राकेश पारीक के द्वारा अनुशंसित तीन कार्य तो स्वीकृत होने के बाद भी शुरु ही नहीं हुए जबकि एक कार्य की य्सीसी तथा यूसी बाकी है।
पूर्व एवं दिवंगत विधायकों के बीच कार्य है बाकी पूर्व सरकार में मसूदा विधायक रही सुशील कंवर पलाड़ा के द्वारा स्वीकृत कार्यों की उपयोगिता प्रमाण पत्र भी अभी तक डिस्कॉम के अभियंताओं द्वारा जिला परिषद को नहीं भेजे गए। हद तो यह है कि दिवंगत विधायक एवं पूर्व सांसद सांवरलाल जाट के द्वारा अनुशंसित 5 कार्यों की अनुशंसित कार्य के प्रमाण पत्र भी अभी तक बाकी है। यह शहर के अधीक्षण अभियंता की लापरवाही का प्रमुख उदाहरण है।
एसई के बजाय एईएन शामिल होते हैं महत्वपूर्ण बैठकों में शहर के अधीक्षण अभियंता शीशराम वर्मा शहर व जिले के अजमेर डिस्कॉम से सम्बन्धित कार्यों को कितनी गंभीरता से लेते हैं इसका पता इसी बात से लग जाता है शहर व जिले से सम्बन्धित बैठको में स्वयं उपस्थित नहीं होते हैं बल्कि अपने मातहत सहायक अभियंता को भेज कर खानापूर्ति कर रहे हैं। हाल ही जिला परिषद सीईओ की सांसद तथा विधायक कोष के कार्यों की समीक्षा बैठक में जिला परिषद से पत्र जारी होने तथा फोन से विशेष तौर से बुलाने के बाद भी अधीक्षण अभियंता वर्मा बैठक में नहीं पहुंचे। उनके स्थान पर उनके टीए (सहायक अभियंता) ने बैठक अटेंड की।
इसी तरह अजमेर विकास प्राधिकारण की कमिश्नर की अध्यक्षता में हुई ईसी की ऑनलाइन बैठक में अधीक्षण अभियंता के स्थान पर टीए ने ही ऑनलाइन बैठक में उपस्थिति दर्ज करवाई। जबकि इस बैठक में प्रबन्ध निदेशक के प्रतिनिधि के रूप में एसई को शामिल होना था।फोन नहीं उठाने पर लग चुकी है फटकारआमजन के फोन नहीं उठाने के मामले में अधीक्षण अभियंता के कार्य व्यवहार को लेकर डिस्कॉम के संभागीय मुख्य अभियंता उन्हें फोन व पत्र के जरिए पाबंद कर चुके है। प्रबन्ध निदेशक भी डांट लगा चुके हैं।
इनका कहना है मैं किसी में बिजी था इसलिए बैठकों में नहीं जा पाया। यूसीसीसी में कुछ कमियां थी उसे पूरा करवाया गया है। बैठक के बाद सभी जानकारी जिला परिषद को भेजी गई है।
शीशराम वर्मा, एसई सिटी सर्किल, अजमेर डिस्कॉम जो बकाया था जमा करवा दिया है। 5 बाकी चल रहे है। पूर्व में कुछ कमियां थीं जिन्हें दूर किया गया है। दिनेश सिंह, एक्सईएन रूरल,अजमेर डिस्कॉम