गिरीश कर्नाड ने श्वेत क्रांति के जनक को पर्दे पर जीया था
-वर्ष 1976 में जाने-माने निर्देशक श्याम बेनेगल की फिल्म ‘मंथन’ में डॉ. कुरियन का रोल निभाया था
गिरीश कर्नाड ने श्वेत क्रांति के जनक को पर्दे पर जीया था
अहमदाबाद. बहुमुखी प्रतिभा के धनी अभिनेता गिरीश कर्नाड नहीं रहे। कर्नाड का गुजरात से एक अनूठा कनेक्शन रहा है। उन्होंने दूध को लेकर भारत की श्वेत क्रांति के जनक माने जाने वाले डॉ. वर्गीज कुरियन को फिल्मी पर्दे पर जीया था। वर्ष 1976 में जाने-माने निर्देशक श्याम बेनेगल की फिल्म ‘मंथन’ में डॉ. कुरियन का रोल निभाया था।
स्मिता पाटिल, नसीरुद्दीन शाह, अमरीश पुरी जैसे मंझे कलाकार के साथ इस फिल्म में उन्होंने अभिनय करते हुए मुख्य किरदार निभाया था। विजय तेंदुलकर की स्क्रीनप्ले, गोविंद निहलानी की सिनेमैटोग्राफी, कैफी आजमी के संवाद और खुद बेेनेगल और कुरियन की कहानी वाली इस फिल्म को वर्ष 1977 में बेस्ट फीचर फिल्म का राष्ट्रीय पुरस्कार तथा विजय तेंदुलकर को श्रेष्ठ स्क्रीन प्ले का राष्ट्रीय पुरस्कार मिला था। इतना ही नहीं, यह भारत की ओर से वर्ष 1976 में ऑस्कर पुररस्कार के लिए भी भेजी गई थी।
कर्नाड ने इस फिल्म में 33 वर्षीय डॉ. राव का किरदार निभाया था। डॉ राव को इस फिल्म में वर्गीज कुरियन का रूप दिया गया था। खेड़ा जिले के गांवों के दूध पर आधारित इस फिल्म में दूध से क्रांति करने की बात बताई गई थी। यह फिल्म गुजरात मिल्क कोऑपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन (जीसीएमएमएफ) की ओर से निर्मित की गई थी जिसमें 50 हजार किसानों ने 2 रुपए की मदद की थी।
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