क्राइम ब्रांच सूत्रों के अनुसार उन्हें सूचना मिली कि शहर में कुछ लोग टाइगर की खाल को बेचने की फिराक में हैं। शातिर आरोपियों तक पहुंचने के लिए क्राइम ब्रांच ने कुछ निजी लोगों की मदद ली और आरोपियों से संपर्क किया। इसमें से तीन आरोपी इन चारों ही खालों को २.५० करोड़ रुपए में बेचने की बात कर रहे थे। लेकिन क्राइम ब्रांच के अधिकारियों ने निजी व्यक्तियों के जरिए एक नैलेश जानी से संपर्क कर इसे १.५० करोड़ में खरीदने की तैयारी बताई। जिस पर आरोपी खालों को लेकर पहुंचे और क्राइम ब्रांच की टीम ने उन्हें धर दबोचा।
प्राथमिक जांच में नैलेश, रणछोड़, अल्पेश ने कबूला कि उन्होंने इन खालों को करीब दो साल पहले एलिसब्रिज के पास रविवारीय बाजार में एंटिक वस्तुओं की बिक्री करने वाले मोहन राठौड़ (४६) से खरीदा था। जिस पर गुलबाई टेकरा निवासी मोहन को भी गुरुवार को क्राइम ब्रांच ने धर दबोचा। आरोपी मोहन ने बताया कि उसे कर्नाटक का एक व्यक्ति इन टाइगर की खालों को दे गया था। उस व्यक्ति के बारे में भी जांच जारी है।
क्राइम ब्रांच के अधिकारियों का कहना है बरामद की गई चारों की खाल की उन्होंने अहमदाबाद हांसोल स्थित इंचार्ज आरएफओ उदेसिंह शेखावत और वेटनरी ऑफिसर डॉ भरत भीमाणी के जरिए जांच कराई। जिसमें उन्होंने यह चारों ही खाल टाइगर की होने की पुष्टि की। प्रथम दृष्टया यह चारों ही खाल टाइगर का शिकार करके प्राप्त किए जाने की आशंका है। फिर भी इसकी पुष्टि के लिए एफएसएल की मदद ली जाएगी। पूरे गिरोह के आगामी दिनों गिरफ्त में आने की आशंका है। इन आरोपियों ने पहले भी टाइगर या शेर की खाल की बिक्री की है या नहीं उस बारे में पूछताछ की जा रही है। गुजरात के शेरों की खाल की बिक्री की है या नहीं उस बारे में भी पूछताछ की जा रही है।