गर्मी वैकेशन में ट्रेनों में सीटों की मारामारी
ट्रेनों में लंबी प्रतीक्षा सूची
गर्मी वैकेशन में ट्रेनों में सीटों की मारामारी
अहमदाबाद. ग्रीष्मावकाश की छुट्टियां होते ही अब राजस्थान, उत्तर प्रदेश और बिहार जानेवाली ट्रेनों में सीटों के लिए मारामारी शुरू हो गई है। ट्रेनों में प्रतीक्षा सूची भी काफी लम्बी है। लोगों को घर जाने को खासी मशक्कत करनी पड़ रही है। हालांकि रेलवे ने गर्मी वैकेशन में उत्तर प्रदेश और बिहार जानेवाले यात्रियों के लिए विशेष ट्रेनें भी दौड़ाई हैं, लेकिन ट्रेनों में प्रीमियम किराया होने से लोग कम रुचि दिखा रहे हैं। आरक्षण लेने की अवथि 120 दिन होने से लोग पहले से ही टिकट ले लेते हैं। चाहे उनको गांव जाना हो या नहीं हो। वहीं जनरल कोचों की हालत काफी बदत्तर होती है। रविवार को जनसाधारण ट्रेन रवाना हुई, जिसमें सभी कोच सामान्य होते हैं। इसके बावजूद यात्रियों ट्रेनों में नीचे बैठकर सफर करना पड़ा। हालात यह थे एक बार यदि कोई यात्री ट्रेन में घुस जाते हंै तो उनको बाहर निकलने में काफी मशक्कत करनी पड़े।
अहमदाबाद से उत्तर भारत जानेवाली प्रमुख ट्रेनों की 25 अप्रेल तक की प्रतीक्षासूची देखी जाए तो गोरखपुर एक्सप्रेस में प्रतीक्षा सूची 106, साबरमती एक्सप्रेस में प्रतीक्षा सूची 295, योगा एक्सप्रेस में 22, आश्रम एक्सप्रेस में 119 प्रतीक्षा सूची बताई जा रही है। ट्रेनों के यह हालात होने से कई लोग तत्काल टिकट का भी इंतजार करते हैं, लेकिन उसमें भी प्रतिक्षा सूची बढ़ जाती है।
धूप में सिके यात्री
सोमवार को अहमदाबाद से लखनऊ जाने वाली ट्रेन के जनरल कोचों में यात्रियों के लिए कतार लगाई गई थी। दोपहर 11.35 बजे यह ट्रेन रवाना होती है, लेकिन लोग एक से दो घंटे पहले ही कतार में खड़े गए थे, लेकिन धूप होने के बावजूद यात्री प्लेटफार्म पर नंबर दो पर अपना सामान कतार में रखकर छांव तलाशते नजर आए तो कई यात्री धूप में खड़े रहे, लेकिन बाद में प्लेटफार्म 3 पर आने की घोषणा होने से आरपीएफ जवानों ने यात्रियों को कतारबद्ध तरीके से वहां स्थानांतरित किया। बाद में ट्रेन के प्लेटफार्म 3 पर पहुंचने पर आरपीएफ जवानों ने उनको कतार से ट्रेन में बिठाया।
प्लेटफार्म बदलने से यात्रियों को दिक्कत
लम्बी दूरी की ट्रेनों में भी एक या दो जनरल कोच होते हैं, ऐसे में ट्रेनों के जनरल कोचों में जाना तो काफी दूभर हो जाता है। ट्रेनों के रवाना से चार से पांच घंटे पहले ही लोग रेलवे स्टेशन पर पहुंच जाते हैं ताकि कोच में जगह मिल सके। प्लेटफार्म पर आरपीएफ की ओर से यात्रियों को जनरल कोच में बिठाने के लिए कतार लगवाई जा रही है ताकि ट्रेन में चढऩे में दिक्कत नहीं हो। पिछले एक माह से ऐसा कई बार हुआ जब ट्रेनों के बदले जा रहे हैं।
जोनल रेलवे उपभोक्ता परामर्श दात्री समिति -पश्चिम रेलवे के सदस्य योगेश मिश्रा ने बताया कि गर्मी के वैकेशन के चलते पूर्वोत्तर भारत की ओर जानेवाली ट्रेनों में यात्रियों की भीड़ ही अधिक हो रही है। प्रतीक्षा सूची नो रूम तक पहुंच रही है। देखा जाए तो हर वर्ष गर्मी एवं दीवाली पर वाराणसी के लिए विशेष ट्रेन दौड़ाई जाती है, जिससे पर यात्रियों कुछ हद तक राहत मिलती है, लेकिन अभी तक अहमदाबाद से वाराणसी के लिए विशेष ट्रेन की घोषणा नहीं की गई है। रेल प्रशासन को गर्मी की छुट्टियों पर अतिरिक्त ट्रेनें दौड़ानी चाहिए ताकि यात्रियों को राहत मिले।
उधर, अहमदाबाद मंडल के जनसंपर्क अधिकारी प्रदीप शर्मा ने बताया कि ग्रीष्मावकाश में यात्रियों की भीड़ बढऩे से नौ अतिरिक्त ट्रेनें प्रारंभ की गई है तो कई ट्रेनों में अतिरिक्त कोच भी लगाए गए ताकि यात्रियों को आसानी हो सके। प्लेटफार्म बदलने के बारे में उन्होंने बताया कि ट्रेन के प्लेटफार्म आने के बीस मिनट पहले प्लेटफार्म चेंज होने की घोषणा होती है।
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