डीजीपी ने कहा कि इस केन्द्र में वुमन हेल्प डेस्क, चाइल्ड वेल्फेयर पुलिस ऑफिसर, 181-अभयम और पुलिस स्टेशन बेस्ड सपोर्ट सेंटर (पीएसबीएसएस) जैसी पुलिस की सुविधाएं एक ही छत के नीचे उपलब्ध होंगी। बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों के लिए उपलब्ध यह चारों सुविधाएं अभी अलग अलग तरह से कार्यरत हैं, लेकिन अब इन चारों को एक दूसरे के साथ जोड़़ने के लिए सांत्वना केन्द्र शुरू करने का निर्णय किया है।
यह केन्द्र हर थाने में कार्यरत होंगे। इससे थाने में शिकायत व समस्या लेकर जाने वाली महिलाओं को वुमन हेल्प डेस्क के तहत मिलने वाली मदद, काउंसिलिंग की सुविधा मिलेगी। चाइल्ड वेल्फेयर पुलिस ऑफिसर कानूनी संघर्ष में आने वाले बच्चों की काउंसिलिंग करेंगे। 181 अभयम के तहत महिलाओं को सुरक्षा और तत्काल मदद पहुंचाई जाएगी। पीएसबीएसएस पीडि़त महिला और सामने वाले पक्ष की काउंसिलिंग करेंगे।इससे पुलिस और नागरिकों के बीच का अंतर घटेगा। बच्चों और महिलाओं तथा बुजुर्ग व्यक्तियों को गुजरात पुलिस की सेवा अच्छे से और जल्द मिल सकेगी।
इंस्पेक्टर व्यक्तिगत रूप से रखेंगे ध्यान
डीजीपी ने निर्देश दिया है कि सांत्वना केन्द्र में होने वाले कार्यों पर थाने के प्रभारी इंस्पेक्टर, पीएसआई निजी तौर पर ध्यान रखेंगे। इसे बनाने के उद्देश्य सुनिश्चित हों उसका ध्यान करेंगे। इसके अलावा इन केन्द्रों में योग्य तरह से कार्य हो रहा है या नहीं इसका सुपरविजन इलाके के एसडीपीओ और एसीपी करेंगे। शहरों में जोन के डीसीपी और पुलिस कमिश्नर तथा जिलों में पुलिस अधीक्षक भी मॉनीटरिंग करेंगे।