जांच में पता चला कि इसमें मुख्य आरोपी प्रिंस रविपरा है। यह चाइनीज नंबरधारकों के साथ संपर्क में था। उन्हें भारत के बैंक अकाउंट किराए पर देता था। इतना ही नहीं उन्हें ऊंची कीमत पर डिजिटल करेंसी (यूएसडीटी) बेचता था।
जैमिनगिरी गोस्वामी किराए पर लिए गए बैंक अकाउंट उपलब्ध कराने वाला एजेंट है। तनवीर मधरा और साहिल मुलतानी ने प्रिंस को किराए पर अपने बैंक अकाउंट दिए थे। इसके लिए उन्हें कमीशन मिलता था।
चाइनीज नंबर उपयोग करते हैं प्रिंस व जैमिन
आरोपी प्रिंस और जैमिन दोनों खुद भी प्लस 44 नंबर से शुरू होने वाले चाइनीज नंबर का उपयोग करते हैं। दोनों ने बायनान्स एप और टेलीग्राम चैनल के जरिए चाइनीज प्रोसेसरों का संपर्क किया । प्रिंस चाइनीज प्रोसेसरों को ऊंची कीमत में बिटकॉइन (यूएसटीडीटी कॉइन)बेचता था। उसके सामने प्रोसेसरों को किराए पर लिए बैंक अकाउंट की जानकारी देकर , ठगी की राशि जमा करवाता था। प्रिंस जमा हुई ठगी की राशि को जैमिन को भेजता था। जैमिन उसे प्रोसेस करता था। दोनों के मोबाइल फोन जब्त किए हैं। प्राथमिक जांच में पता चला कि यह कई विदेशी लोगों से संपर्क में थे।
जैमिन दो मामलों में वांछित, प्रिंस हो चुका है गिरफ्तार
जैमिन पालनपुर साइबर क्राइम ब्रांच में दर्ज एक मामले में और मोडासा टाउन थाने में दर्ज मामले में वांछित है। प्रिंस वडोदरा शहर साइबर क्राइम ब्रांच में दर्ज मामले में गिरफ्तार हो चुका है। जमानत पर छूटा है।
वीडियो कॉल से गिरफ्तार नहीं करती पुलिस
जोन-1 के पुलिस उपायुक्त बलराम मीणा ने कहा कि पुलिस कभी भी किसी आरोपी को डिजिटल अरेस्ट नहीं करती। वीडियो कॉल करके अरेस्ट नहीं करती है।