ट्रेन ने औसतन 130 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार और अधिकतम 180 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलाई गई। ट्रायल पूरा होने के बाद रिसर्च डिजाइन एंड स्टाण्डर्ड ऑर्गेनाइजेशन (आरडीएसओ) के अधिकारियों प्रमाणपत्र मिलने पर ट्रेन यात्रियों के लिए चलाई जाएगी। बुधवार को यह ट्रेन सुबह 7:30 बजे अहमदाबाद से रवाना हुई और दोपहर 1:50 बजे मुंबई पहुंची। मुंबई से यह ट्रेन दोपहर 2:45 बजे रवाना हुई और वापस रात 9 बजे अहमदाबाद पहुंची।
16 कोचों वाली है ट्रेन यह 16 कोच वाली ट्रेन है, जिसमें आकर्षक इंटीरियर है। राजस्थान में ट्रायल रन के बाद अहमदाबाद में इसका ट्रायल किया गया। शुक्रवार को यह ट्रेन को वापस इन्टीग्रल कोच फैक्ट्री (आईसीएफ) के लिए रवाना हो गई, जहां आरडीएसओ के निर्देशानुसार बदलाव किए जाएंगे।
ट्रायल के दौरान ऑपरेटिंग, इलेक्ट्रिकल, इंजीनियरिंग, सिग्नल, टेलीकम्युनिकेशन और मैकेनिकल विभाग के अधिकारी शामिल थे। ट्रेन के कोच की एडवांस सस्पेंशन सिस्टम, यात्रियों के लिए सुविधाएं और सुरक्षा प्रणाली का मूल्यांकन किया गया। ट्रॉली से प्लेन की तर्ज पर परोसा जाएगा खाना
16 कोचों वाली इस ट्रेन में एक फर्स्ट एसी कोच के 24 स्लीपर, 4 सेकेंड एसी कोच हैं, जिसमें प्रत्येक कोच में 48 स्लीपर हैं। थर्ड एसी के 11 कोच हैं, जिसमें प्रति कोच 67 स्लीपर हैं। प्रत्येक कोच में तीन टॉयलेट हैं और एक मिनी पेंट्री कार उपलब्ध होगी। पेन्ट्री में ट्रॉली भी है, जिसमें प्लेन की तर्ज पर वेटर ट्रॉली के साथ यात्री की सीट पर जाकर खाना परोसेगा।
कोच में स्नान की भी है सुविधा ट्रेन में ब्रेल लिपि में सीट नंबर और सूचनाएं लिखी हैं ताकि नेत्रहीनों को दिक्कत नहीं हो। साथ ही दिव्यांगों के लिए टॉयलेट भी बने हैं, जिसमें व्हील चेयर के साथ दिव्यांग यात्री बगैर किसी की मदद के वहां पहुंच सकेंगे।
इसके अलावा फर्स्ट एसी कोच में स्नान की भी सुविधा हैं, जिसमें शॉवर के जरिए यात्री स्नान कर सकेंगे। इसके अलावा फायर अलार्मिंग सिस्टम और सीसीटीवी से लैस है। वरिष्ठ मुख्य कोचिंग अधिकारी गौरव सारस्वत ने कहा कि ट्रायल रन पूरा होने के बाद यह ट्रेन आईसीएफ-चेन्नई के लिए रवाना हो गई। अब जो भी खामियां होंगी उसे सुधारा जाएगा। बाद में इस ट्रेन को यात्रियों के लिए चलाया जाएगा।