पुरातत्त्व अनुभव संग्रहालय देश में विकसित अपनी तरह का पहला ऐसा संग्रहालय है, जहां आगंतुकों को पुरातात्त्विक स्थल का अनुभव होगा। इसमें वडनगर के 2,500 साल से ज्यादा पुराने समृद्ध सांस्कृतिक इतिहास को करीब पांच हजार पुरातात्त्विक अवशेषों के जरिए दर्शाया गया है। ये अवशेष पुरातत्व विभाग को खुदाई में मिले थे। संग्रहालय 12,500 वर्गमीटर क्षेत्र में बनाया गया है। यहां ऑडियो- वीडियो के जरिए पर्यटकों को वडनगर की प्राचीन संस्कृति से रू-ब-रू कराया जाएगा।
4000 वर्ग मीटर में उत्खनन स्थल भी
संग्रहालय में मिट्टी के बर्तन, शंख निर्माण (उत्पाद और कच्चा माल), सिक्के, आभूषण, हथियार, औजार, मूर्तियां, खेल सामग्री और जैविक सामग्री से संबंधित कलाकृतियां प्रदर्शित की गई हैं। नौ दीर्घाओं वाले संग्रहालय में 4,000 वर्गमीटर क्षेत्र में वह उत्खनन स्थल भी है, जहां 16-18 मीटर की गहराई तक पुरातात्त्विक अवशेष देखने को मिलते हैं। इस स्थल पर वॉक-वे शेड बनाया गया है। जीवंत धरोहर शहरों में से एक
वडनगर देश के जीवंत धरोहर शहरों में से एक है। इसे अनर्तपुर, आनंदपुर, चमत्कारपुर, स्कंदपुर और नागरका नामों से भी जाना जाता है। वडनगर अद्वितीय वास्तुकला और ऐतिहासिक स्थलों के लिए प्रसिद्ध है। इनमें कीर्तितोरण, हाटकेश्वर महादेव मंदिर और शर्मिष्ठा झील अहम है। वडनगर हिंदू, बौद्ध, जैन और इस्लाम धर्मों के संगम का केंद्र रहा है।