जांच में सामने आया कि आरोपी यहां लगाई गई लीज लाइन, एसआईपी लाइन तथा सर्वर में दो प्रकार के ऑपरेटिंग सिस्टम का उपयोग करते थे। यहां एनी डेस्क सॉफ्टवेयर का उपयोग हो रहा था। इसके जरिए माइक्रोटेक क्लाउड कोर नाम के राउटर से विदेश से आने वाले वॉइस ओवर इंटरनेट प्रोटोकॉल (वीओआईपी) के इंटरनेशनल कॉल को आरोपी रूट कर उसे जीएसएम नेटवर्क (लोकल कॉल) में बदल देते थे।
जांच में पता चला कि महज 11 दिन में ही 12.46 लाख इंटरनेशनल कॉल को लोकल जीएसएम कॉल में कन्वर्ट किया गया। ये कॉल पाकिस्तान, नेपाल, बांग्लादेश, यूएई एवं अन्य गल्फ देशों से यहां आए थे।