इलाके की प्रभारी पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) नीता देसाई ने बताया कि यह घटना सोमवार देर रात घटी। 10 नवंबर को महेसाणा जिले की कडी तहसील के बोरीसणा गांव में इस हॉस्पिटल की ओर से मेडिकल कैंप लगाया गया था। वहां जांच करने के बाद कुछ लोगों को अस्पताल आने की सलाह दी गई थी। 19 लोग गांव से सोमवार को अस्पताल पहुंचे थे। इन सभी की जांच के बाद एंजियोग्राफी कर दी गई और 7 लोगों की एंजियोप्लास्टी कर स्टेण्ट डाल दिए, जिससे कुछ को परेशानी हुई, जिसमें से दो लोगों की मौत हो गई।
सिविल अस्पताल में डॉक्टरों के पैनल से करा रहे पीएम
चिकित्सक, अस्पताल संचालकों पर कार्रवाई की मांग को लेकर मृतकों के परिजनों ने शव स्वीकारने से इनकार कर दिया। डीसीपी देसाई ने बताया कि परिजनों को समझाया जा रहा है और सिविल अस्पताल में डॉक्टरों के पैनल से वीडियोग्राफी के बीच पीएम कराया जाएगा। इसमें एफएसएल की मदद ली जाएगी। रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई होगी। फाइलों को जब्त किया गया है।
घटना बहुत गंभीर, जांच के आदेश: स्वास्थ्य मंत्री पटेल
राज्य के स्वास्थ्य मंत्री ऋषिकेश पटेल ने ख्याति अस्पताल में हुई घटना को बहुत गंभीर और संवेदनशील बताया। उन्होंने बताया कि पीएमजेएवाई-मा योजना के तहत राज्य की एंटी-फ्रॉड यूनिट को जांच के आदेश दिए हैं। जांच में चिकित्सकीय लापरवाही दिखेगी तो अस्पताल और चिकित्सक के सामने मामला दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा।
पुलिस जांच में पूरा सहयोग: अस्पताल के सीईओ
ख्याति अस्पताल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) चिराग राजपूत ने मीडिया को बताया कि 10 नवंबर को महेसाणा जिले की कडी तहसील के बोरीसणा गांव में सरपंच के सहयोग से मेडिकल कैंप किया था, जहां से 100 लोगों की जांच की। 20 लोगों को जांच व उपचार की जरूरत होने से अस्पताल आने की सलाह दी गई थी। 19 लोग स्वेच्छा से अस्पताल आए। इन सभी की एंजियोग्राफी की गई, जिसमें जरूरत लगने पर 7 की एंजियोप्लास्टी की गई। इसके बाद दो की क्रिटिकल कंडीशन के चलते मौत हो गई। पुलिस इस मामले की जांच कर रही है। हमारा पूरा सहयोग है। कोई लापरवाही होगी, तो जांच में सामने आएगी। गंभीर पांच मरीजों को यू एन मेहता अस्पताल में स्थानांतरित किया है।
परिजनों को बताए बिना कर दी एंजियोग्राफी: सरपंच
बोरीसणा गांव के सरपंच मितेश पटेल ने कहा कि गांव से लाए गए लगभग सभी लोगों की यहां एंजियोग्राफी कर दी गई। इनमें से 7 की एंजियोप्लास्टी कर स्टेण्ट भी लगा दिए और परिजनों को जानकारी भी नहीं दी। इनमें से दो की मौत हो गई। पांच की स्थिति गंभीर है। अस्पताल प्रशासन ने मौत के बाद परिजनों को सूचना दी। उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि अस्पताल ने सरकारी योजना का लाभ लेने के लिए यह किया हो। ऐसे में अस्पताल के विरुद्ध सरकार को योग्य कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।