indian medical association के अध्यक्ष डॉ. अशोक शिरोमणि ने बताया कि सरकार मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया को भंग करके एनएमसी बिल लेकर आई है, जिसमें अनेक भ्रांतिया हैं। चिकित्सक सरकार को पहले भी इस बारे में अवगत कराते रहे हैं, लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया है। ऐसे में मजबूरी में हड़ताल जैसा कदम उठाना पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि आईएमएम के 1350 चिकित्सक सदस्य हैं। कुल 2500 चिकित्सक हैं और सभी हड़ताल पर हैं। हड़ताल एक अगस्त, 2019 की सुबह छह बजे तक चलेगी। उन्होंने बताया कि पूरे देश के डॉक्टर्स हड़ताल पर हैं।
हड़ताल के दौरान केवल इमरजेंसी सेवायें ही चालू रहेंगी। वे सारे कार्य रोक दिए जायेंगे जो पहले से तयशुदा हैं। सर्जरी, पैथोलॉजी व रेडियोलॉजिकल सिर्फ आईसीयू की चालू रहेंगी, बाकी बंद रहेंगी। यह आने वाली पीढ़ी के भविष्य की लड़ाई है, अगर हम चूक गये तो भविष्य के चिकित्सक व गरीब जनता सिर्फ ठगी रह जायेगी। सरकार तीन तलाक को मध्यकालीन कुप्रथा कहकर ख़त्म कर रही है, लेकिन आधुनिक मेडिसिन को मध्यकालीन युग में ले जा रही है, जिसे रोकना है। जनता से सहयोग मांगा गया है। आईएमए भवन तोता का ताल, लोहामंडी पर पूर्वाह्न 11 बजे चिकित्सक एकत्रित होकर हड़ताल के प्रति प्रतिबद्धता दर्शाएंगे।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. मुकेश कुमार वत्स ने बताया कि एसएन मेडिकल कॉलेज, जिला अस्पताल, महिला अस्पताल और स्वास्थ्य केन्द्र पूरी तरह चालू हैं। किसी भी मरीज को कोई परेशानी नहीं होने दी जाएगी। उन्होंने बताया कि सरकारी अस्पतालों में इलाज की हर तरह की व्यवस्था है।