अवैध प्रवासी रोकना है सुनक का मुख्य वादा
प्रधानमंत्री ऋषि सुनक और उनकी कंजरवेटिव पार्टी के नेता छोटी नावों से इंग्लिश चैनल के जरिए आने वाले अवैध प्रवासियों को रोकने का वायदा करते रहे हैं। लेकिन इसमें उन्हें अपेक्षित सफलता नहीं मिली है। ब्रिटेन की कमजोर अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने के लिए संघर्ष कर रहे सुनक के लिए उनकी प्रवासी नीति साख का सवाल बन गई है। जनमत सर्वेक्षणों में लेबर पार्टी से काफी पीछे चल रहे सुनक को अपनी रवांडा नीति से काफी उम्मीदें हैं। इसके चलते सुनक सरकार के लिए ये निर्णायक मुद्दा बन गई है। कोई हैरानी नहीं कि पूर्व आव्रजन मंत्री जेनरिक ने चेतावनी दी है कि कि जब तक कंजर्वेटिव ब्रिटेन में अवैध प्रवासियों की समस्या से निपटने के लिए और अधिक प्रयास नहीं करेंगे, उन्हें ‘मतदाताओं के तीव्र रोष’ का सामना करना पड़ेगा।
इसके पहले दोनों देशों ने सिर्फ एक एमओयू पर हस्ताक्षर किए थे। इस संधि में कुछ गारंटी और सुरक्षा शामिल हैं जो रवांडा के साथ मूल समझौता ज्ञापन में नहीं थे। कानूनी रूप से बाध्यकारी संधि के विपरीत एमओयू एक राजनीतिक समझौता था। संधि में प्रावधान है कि रवांडा द्वारा स्थानांतरित व्यक्तियों को ब्रिटेन के अलावा किसी भी देश में नहीं भेजा जा सकता।
रवांडा के विदेश मंत्री विंसेंट बिरुता ने कहा है कि, रवांडा और ब्रिटेन दोनों के लिए यह हमेशा महत्वपूर्ण रहा है कि हमारी कानूनी साझेदारी अंतरराष्ट्रीय कानून के उच्चतम मानकों को पूरा करती है। उन्होंने कहा, ब्रिटेन के वैध व्यवहार के बिना रवांडा समझौते को जारी नहीं रख पाएगा।