सिंहासन के लिए दूसरे स्थान पर
हिसाहितो जापानी सम्राट नारुहितो के भतीजे हैं और अपने पिता क्राउन प्रिंस अकिशिनो के बाद सिंहासन के लिए दूसरे स्थान पर हैं, जो 1985 में वयस्कता तक पहुँचे थे। इंपीरियल हाउसहोल्ड एजेंसी की ओर से जारी एक बयान में राजकुमार ने कहा, “मुझे उम्मीद है कि मैं हर अनुभव के माध्यम से और अधिक सीखूंगा व कई पहलुओं को आत्मसात करूंगा और उनके माध्यम से आगे बढ़ूंगा।”
सीनियर हाई स्कूल के छात्र
उन्होंने अपने माता-पिता और बहनों, माको कोमुरो, जिन्होंने शादी के बाद शाही परिवार छोड़ दिया, और राजकुमारी काको के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने अपने भविष्य के लिए कड़ी मेहनत करने की अपनी इच्छा व्यक्त की। हिसाहितो ने कहा, “मैं हाई स्कूल में अपने बचे हुए समय को संजोना चाहता हूँ।” जानकारी के अनुसार, प्रिंस हिसाहितो टोक्यो के ओत्सुका में यूनिवर्सिटी ऑफ़ त्सुकुबा के सीनियर हाई स्कूल में तीसरे वर्ष के छात्र हैं।
समारोह स्थगित कर दिया
इस अवसर पर वयस्कता समारोह और एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित करने की प्रथा है, लेकिन उनके समारोह को 2025 के वसंत या उसके बाद के लिए स्थगित कर दिया गया है। उनकी शैक्षणिक गतिविधियों में हस्तक्षेप से बचने के लिए यह समारोह उनके हाई स्कूल स्नातक होने के बाद होगा।
महिलाओं को सिंहासन मना
गौरतलब है कि हिसाहितो 17 सदस्यीय, सभी वयस्क शाही परिवार के सबसे कम उम्र के सदस्य हैं, जिसमें केवल चार पुरुष हैं। अंतिम उत्तराधिकारी के रूप में उनकी स्थिति जापानी समाज के लिए एक चुनौती पेश करती है, जो महिलाओं को सिंहासन लेने से मना करता है। केवल पुरुष ही सिंहासन पर बैठ सकता
जापान के सन1947 के इंपीरियल हाउस कानून के अनुसार केवल पुरुष ही सिंहासन पर बैठ सकता है और आम लोगों से विवाह करने वाली महिला शाही सदस्यों को अपना शाही पद त्यागना पड़ता है। वहीं हिसाहितो और क्राउन प्रिंस अकिशिनो के अलावा, सम्राट के 88 वर्षीय निःसंतान चाचा प्रिंस हिताची, क्रिसेंथेमम सिंहासन के एकमात्र अन्य उत्तराधिकारी हैं।