साल 2025 के लिए बाबा वेंगा की भविष्यवाणियां
एलियंस की खोज होगी बाबा वेंगा की भविष्यवाणी के अनुसार, साल 2025 में मनुष्य एलियंस की खोज कर सकते हैं। वहीं 2025 में एलियंस से संपर्क हो सकता है।
यूरोप का विनाश होगा,आंतरिक संघर्ष हो सकता
बाबा वेंगा ने साल 2025 को लेकर कहा है कि यूरोप में आंतरिक संघर्ष हो सकता है। इस वजह से राजनीतिक अस्थिरता और अनिश्चिता हो सकती है। यूरोप में युद्ध के कारण बड़े क्षेत्र का विनाश हो सकता है, इससे जनसंख्या में कमी आएगी।
साल 2025 में विनाश की शुरुआत होगी
बाबा वेंगा के अनुसार, साल 2025 में विनाश की शुरुआत हो सकती है। उनके अनुसार 2025 में बड़ी आपदाएं आएंगी, जिस वजह से धरती के खत्म होने की शुरूआत हो सकती है।
खतरनाक बीमारी कैंसर का इलाज होगा
बाबा वेंगा की ये भविष्यवाणी थोड़ी राहत देने वाली है। उन्होंने 2025 को लेकर कहा है कि इस साल कैंसर जैसी बीमारी से छुटकारा मिल सकता है। वैज्ञानिकों को इसमें बड़ी सफलता मिल सकती है, जिससे आने वाले दिनों में इस खतरनाक बीमारी का इलाज आसान हो पाएगा।
ये भविष्यवाणियां हुई हैं सच
बाबा वेंगा ने अमेरिका में आतंकी संगठन अलकायदा के 9/11 हमले, ब्रेक्सिट, बराक ओमा के राष्ट्रपति बनने, 2004 में सुनामी आने समेत कई भविष्यवाणियां की थीं। उन्होंने भविष्यवाणी की थी कि स्टील बर्ड्स के हमले से अमेरिकी भाई गिरेंगे और निर्दोष लोगों का खून बहेगा। इसे न्यूयॉर्क में 9/11 के आतंकवादी हमले की भविष्यवाणी माना जाता है। बाबा वेंगा ने 2017 तक यूरोप का ‘अस्तित्व’ खत्म होने की भविष्यवाणी की थी, जिसे ब्रेक्सिट से जोड़ते हैं।
बुल्गारिया की दृष्टिबाधित भविष्यवक्ता बाबा वेंगा : एक नज़र
दुनिया भर में मशहूर बाबा वेंगा दरअसल बुल्गारिया में रहने वाली एक दृष्टिहीन महिला थीं। जिन्होंने महज 12 साल की उम्र में अपनी आंखें खो दी थीं। बाबा वेंगा का जन्म 31 जनवरी 1911 को हुआ था और उनका निधन 11 अगस्त 1996 को हुआ था। 1970 और 1980 के दशक के अंत में, वह पूर्वी यूरोप में अपनी दिव्यदृष्टि और पूर्वज्ञान की कथित क्षमताओं के लिए व्यापक रूप से जानी जाती थीं। साम्यवाद के पतन के बाद, और 1996 में उनकी मृत्यु के बाद भी, उनका व्यक्तित्व लोकप्रिय बना रहा। बाबा वेंगा ने मरने से पहले अपने अनुयाइयों को 5079 तक की भविष्यवाणियां बता दी थीं।
महिला भविष्यवक्ता बाबा वेंगा का परिवार
बाबा वेंगा का जन्म स्ट्रुमिका में पंडो सुरचेव और पारस्केवा सुरचेवा के घर हुआ था, जो उस समय ओटोमन साम्राज्य (अब उत्तरी मैसेडोनिया) का सैलोनिका विलायत था। वह एक समय से पहले जन्मी बच्ची थी जो स्वास्थ्य संबंधी जटिलताओं से पीड़ित थी। स्थानीय परंपरा के अनुसार, शिशु को तब तक कोई नाम नहीं दिया गया जब तक कि उसके जीवित रहने की संभावना न समझी जाए। जब बच्चा पहली बार रोया, तो एक दाई सड़क पर गई और एक अजनबी से नाम पूछा। अजनबी ने एंड्रोमाहा (एंड्रोमाचे) का प्रस्ताव रखा, लेकिन मैसेडोनियन बल्गेरियाई समाज के भीतर हेलेनिक विरोधी भावना की अवधि के दौरान इसे “ज्यादा ग्रीक” होने के कारण अस्वीकार कर दिया गया। एक अन्य अजनबी का प्रस्ताव एक ग्रीक नाम था, जिसे बल्गेरियाई संस्करण में अनुकूलित किया गया था: वेंजेलिया। सन 1913 की बुखारेस्ट संधि के बाद, स्ट्रुमिका को बुल्गारिया को सौंप दिया गया था।