ऑस्ट्रेलिया ने सबसे ज्यादा बढ़ा शिक्षा खर्च
अध्ययन में बताया गया कि विकसित देशों स्वीडन ने 6.7-6.9 प्रतिशत और अमरीका ने 5.3-5.6 प्रतिशत तक खर्च किए। साथ ही विकासशील देशों इंडोनेशिया ने जीडीपी का 3.7 से 4.3 प्रतिशत और थाईलैंड ने 4.0-4.3 प्रतिशत खर्च किया है। ऑस्ट्रेलिया में शिक्षा खर्च पर आठ फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है। चीन ने भी मामूली 2.4 फीसदी की वृद्धि दर्ज की जबकि, भारत के खर्च में छह वर्षों में कोई वृद्धि नहीं देखी गई। इंडोनेशिया और स्वीडन में मामूली बदलाव देखा गया। इंडोनेशिया में 2.8 फीसदी की गिरावट आई। स्वीडन ने अपने खर्च में कुछ कमी की थी लेकिन अब वह फिर पुरानी स्थिति (6.90 फीसदी) पर आ गया है।अध्ययन की खास बातेंः
माध्यमिक स्कूलों में सुधार जरूरी
-भारत का शिक्षा पर खर्च राष्ट्रीय रणनीति के लिए काफी महत्त्वपूर्ण है। वैश्वकी बेंचमार्क की तुलना में भारत का शिक्षा खर्च 2.7 से 2.9 फीसदी तक स्थिर रखना हमारी कमजोरी को दर्शाता है। जबकि, विकसित अर्थव्यवस्था इस पर जीडीपी का पांच से सात फीसदी खर्च कर रहे हैं।-अधिकांश देशों ने प्राथमिक नामांकन में वैश्विक लक्ष्य हासिल कर लिए हैं और माध्यमिक स्तर पर मामूली अंतर है, वहीं भारत में माध्यमिक स्तर पर नामांकन की स्थिति विकसित देशों की तुलना में कम है। यहां शिक्षा में विस्तार की गुंजाइश बनी हुई है।
-भारत में माध्यमिक स्कूलों में नामांकन की स्थिति 79.6 फीसदी है। जबकि, विकसित और विकासशील देशों ब्रिटेन (100%), स्वीडन (100%), यूएसए (98%), चीन (92%), ऑस्ट्रेलिया (90%), इंडोनेशिया (82%), और थाईलैंड (80%) की स्थिति काफी बेहतर है।
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स्वीडन से लेकर चीन तक से सीखने की जरूरत
-रिपोर्ट के अनुसार, विद्यार्थियों का तनाव कम करने के लिए भारत को चीन के मॉडल से सीखना चाहिए।-हाशिये पर पड़े समूहों को शामिल करने के लिए ऑस्ट्रेलिया और इंडोनेशिया के मॉडल से सीखना चाहिए।
-स्वीडन के मॉडल से सीखकर ट्रेनिंग का विस्तार और उद्योग-विद्यालय सहयोग को बढ़ावा देना चाहिए।
-यूके के मॉड्यूलर पाठ्यक्रम का लचीलापन अपनाना चाहिए, जिससे स्ट्रीम में बदलाव आसान हो सके।