QUAD की मीटिंग में बाइडेन से मिलेंगे मोदी
डोभाल की रूस यात्रा ऐसे समय में हो रही है जबकि पीएम मोदी 21 सितंबर को संयुक्त राष्ट्र की महासभा की बैठक में भाग लेने के लिए न्यूयॉर्क में होंगे। पीएम मोदी यहां क्वाड की मीटिंग में भी शिरकत करेंगे, जिसके सदस्य भारत, अमरीका, जापान और आस्ट्रेलिया हैं। क्वाड का आयोजन स्थल बाइडन के आग्रह पर बदल कर नई दिल्ली से डेलावेयर किया गया है। डेलावेयर अमरीकी राष्ट्रपति बाइडन का गृह नगर है। माना जा रहा है कि इस साल पदमुक्त हो रहे बाइडन और पीएम मोदी के बीच यूक्रेन में शांति पर भी चर्चा होगी। गौरतलब है कि यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लीदिमोर जेलेंस्की भी सितंबर के अंतिम सप्ताह में यूएन की बैठक में भाग लेने के लिए न्यूयॉर्क में होंगे, जहां उनकी मुलाकात बाइडन से भी होगी।
चीन और रूस के रक्षा सलाहकारों से मिलेंगे डोभाल
मास्को में डोभाल बिक्स देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की बैठक में भी भाग लेंगे। ब्रिक्स में अब दस देश हैं, जिसमें भारत के साथ ब्राजील, रूस, चीन, दक्षिण अफ्रीका, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, ईरान, मिस्र और इथियोपिया शामिल हैं। इसके साथ ही डोभाल यहां रूस और चीन के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों के साथ दि्वपक्षीय बैठक भी करेंगे।
UNGA के अध्यक्ष ने कहा, बढ़ रहा भारत का प्रभाव
संयुक्त राष्ट्र महासभा की वार्षिक बैठक से पहले इसके अध्यक्ष डेनिस फ्रांसिस ने वैश्विक मामलों में भारत के बढ़ते योगदान की तारीफ की है। फ्रांसिस ने कहा कि भारत बहुपक्षवाद का समर्थक रहा है और लगातार वैश्विक मामलों में मजबूत योगदान देने से इसका प्रभाव लगातार बढ़ रहा है। फ्रांसिस ने कहा कि उम्मीद है वैश्विक मामलों में भारत की भूमिका जारी रहेगी और मजबूत होगी। अपने कार्यकाल के अंत से पहले 193 सदस्यीय संयुक्त राष्ट्र निकाय के प्रमुख के तौर पर डेनिस फ्रांसिस ने कहा कि भारत संयुक्त राष्ट्र में मजूबत नेता है। इसमें कोई संदेह नहीं है। हम जानते हैं कि भारत सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य बनना चाहता है। इसके सदस्य निर्णय लेंगे कि कैसे परिषद में बदलाव किया जाए। साथ ही मौजूदा सदस्यों का प्रतिनिधित्व करने के लिए कौन से देश उपयुक्त होंगे। मुझे यकीन है कि कोई भी इस तथ्य को नजरअंदाज नहीं करेगा कि वैश्विक मामलों में भारत लगातार मजबूत योगदान दे रहा है। उसका यह प्रदर्शन जारी रहेगा।
खतरे में है वर्ल्ड ऑर्डर
ब्रिटेन और अमरीका की विदेशी खुफिया सेवाओं के प्रमुखों ने चेतावनी दी है कि अंतरराष्ट्रीय वर्ल्ड ऑर्डर पर जिस तरह का खतरा आज मंडरा रहा है, वैसा हमने शीत युद्ध के बाद से नहीं देखा है। एमआइ6 और सीआइए के प्रमुखों रिचर्ड मूर और विलियम बर्न्स ने यह भी कहा कि दोनों देश ‘रूस और पुतिन के यूक्रेन में आक्रामक युद्ध का विरोध करने’ में एक साथ हैं। पहली बार फाइनेंशियल टाइम्स के लिए लिखे एक संयुक्त लेख में उन्होंने स्वीकार किया कि दोनों ने यूक्रेन में युद्ध को आते देखा, जिसके बारे में वह कीव समेत अंतरराष्ट्रीय समुदाय को चेतावनी भी देने में सक्षम थे।