जैसे को तैसा ही मिलेगा टैरिफ- ट्रंप
बीते सोमवार को ट्रम्प ने मार-ए-लागो में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में चीन के साथ संभावित व्यापार समझौते पर एक सवाल का जवाब दिया। इस जवाब में उन्होंने भारत और ब्राजील की तरफ इशारा करते हुए कहा कि ये ऐसे देश हैं जो कुछ अमेरिकी उत्पादों पर बहुत ज्यादा टैरिफ लगाते हैं। उन्होंने कहा कि अगर भारत अमेरिकी वस्तुओं पर 100% टैरिफ लगाता है, तो अमेरिका भी बदले में ऐसा ही करेगा।
सबसे ज्यादा टैरिफ लगाता है भारत- ट्रंप
डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि “अगर कोई हमसे बहुत ज्यादा शुल्क लेता है तो वो भारत है। अगर भारत हमसे 100% शुल्क लेता है, तो क्या हम उससे इसके लिए कुछ भी शुल्क नहीं लेते हैं? भारत अमेरिका में साइकिल भेजता है और हम उन्हें साइकिल भेजते हैं।” ट्रंप ने कहा कि भारत अमेरिका से 100 और 200 डॉलर लेते हैं। भारत बहुत ज्यादा शुल्क लेता है। ब्राजील भी बहुत टैक्स लगाता है। अगर वो अमेरिका से टैक्स ले रहे हैं तो ठीक है लेकिन अब अमेरिका भी इन देशों पर उतना ही टैक्स लगाएगा।
चुनाव के पहले भी किया था ऐलान
चुनाव नतीजों से पहले डोनाल्ड ट्रम्प ने डेट्रायट में इस टैरिफ जंग को छेड़ते हुए कहा था कि “अमेरिका आम तौर पर टैरिफ नहीं लगाता। चीन 200 प्रतिशत टैरिफ लगाने वाला है। ब्राजील एक बड़ा चार्जर है लेकिन सबसे बड़ा टैरिफ चार्जर भारत है। भारत के साथ हमारे बहुत अच्छे संबंध हैं। मेरे भी हैं और खास तौर पर नेता मोदी के साथ। वे एक महान नेता हैं। महान व्यक्ति हैं। वास्तव में महान व्यक्ति हैं। उन्होंने इसे एक साथ लाया है। उन्होंने बहुत बढ़िया काम किया है। लेकिन वे शायद उतना ही चार्ज करते हैं।” ट्रंप ने कहा था कि भारत कई मायनों में चीन से ज़्यादा शुल्क लेता है, इस मामले में चीन भारत से अच्छा है। हार्ले डेविडसन बहुत समय पहले मेरे तीसरे या दूसरे वर्ष के दौरान व्हाइट हाउस में आई थी। मैं उनसे मिला। वे विस्कॉन्सिन में स्थित थे। मैंने पूछा, व्यापार कैसा चल रहा है? कौन से देश बुरे हैं? खैर, भारत बहुत सख्त है और उन्होंने मुझे कुछ अन्य देशों को नाम बताए। क्यों? टैरिफ। मैंने पूछा, वे क्या हैं? तो उन्होंने कहा कि 150 प्रतिशत, कोई बहुत बड़ी राशि।”
BRICS को भी दी थी धमकी
बीते 30 नवंबर को डोनाल्ड ट्रंप ने धमकी दी थी कि ब्रिक्स देश (BRICS) और उनके सहयोगी अंतरराष्ट्रीय व्यापार में डॉलर की जगह नई मुद्रा का समर्थन करते हैं तो उन पर 100 प्रतिशत टैरिफ लगाया जाएगा। उन्होंने ऐसे देशों से गारंटी मांगी है कि वे अमेरिकी डॉलर (US Dollar) की जगह किसी दूसरी मुद्रा का समर्थन नहीं करेंगे। ब्रिक्स का संस्थापक सदस्य होने के बावजूद हालांकि भारत (India) अमेरिकी डॉलर के विकल्प के रूप में ब्रिक्स मुद्रा का समर्थन नहीं है लेकिन अगर अमेरिका वैकल्पिक मुद्रा में व्यापार नहीं करने की गारंटी मांगता है तो भारत को दिक्कत हो सकती है।