अवैध है वैश्यावृत्ति फिर भी बढ़ोतरी
रिपोर्ट के मुताबिक म्यांमार में वैश्यावृत्ति अवैध है बावजूद इसके यहां पर ज्यादातर महिलाएं इसी काम के जरिए अब अपना पेट पालने को मजबूर हो रही हैं। द न्यूयॉर्क टाइम्स के हवाले से लिखी गई इस खबर में बताया गया है कि तख्तापलट और उसके बाद हुए गृहयुद्ध ने म्यांमार की अर्थव्यवस्था को तहस-नहस कर दिया है। महंगाई दर 26% तक बढ़ गई। बिजली की कमी तक देश में आ गई। वहीं बेमौसम बारिश ने खेतों को पानी से भर दिया है और चीन और थाईलैंड के नज़दीकी इलाकों में लड़ाई ने सीमा पार व्यापार को खत्म कर दिया। इस साल डॉलर के मुकाबले मुद्रा, क्यात ने अपने मूल्य का दो-पांचवां हिस्सा खो दिया है।
म्यांमार के आधे लोग गरीबी में जी रहे
वर्ल्ड बैंक की एक रिपोर्ट बताती है कि म्यांमार के लगभग आधे लोग अब गरीबी में जी रहे हैं। इस आपदा ने म्यांमार में महिलाओं के एक वर्ग को जिस्मफरोसी के कार्य में उतरने के लिए मजबूर कर दिया है। इनमें डॉक्टर्स-टीचर्स, नर्स और दूसरे हाई प्रोफेशनल हैं। रिपोर्ट ने इन महिलाओं की संख्या नहीं बताई है लेकिन रिपोर्ट का कहना है कि सड़कों पर घूमने वाली महिलाओं की संख्या बहुत ज़्यादा है। द न्यूयॉर्क टाइम्स के लिए इंटरव्यू में आधा दर्जन महिलाओं ने जो अच्छे पेशेवर से आती थीं और अब वेश्यावृत्ति में काम कर रही हैं उन्होंने कहा कि ज़्यादा से ज्यादा पढ़ी लिखी और बड़े-बड़े पेशे से जुड़ी हुईं महिलाएं अपनी आजीविका चलाने के लिए पुरुषों के साथ यौन संबंध बना रही हैं।
सेना ने तहस-नहस कर दी महिलाओं की जिंदगी
म्यांमार में हुए तख्तापलट के बाद जो विरोध प्रदर्शन हुए उनमें सबसे ज्यादा महिलाएं ही आगे थीँ। उन्होंने सड़कों पर मार्च किया और सैनिकों के खिलाफ़ हल्ला बोला। लेकिन अवैध होने के बावजूद वेश्यावृत्ति में बढ़ोतरी म्यांमार में महिलाओं की बदतर हालात को दिखाती है। जो दशकों से सेना के यौन शोषण का शिकार हो रही हैं। म्यांमार में सैनिक शासन ने विद्रोहियों के हाथों बहुत सारी जमीन खो दी है, लेकिन म्यांमार के शहरों पर अभी भी उसका नियंत्रण है। यहां के वेश्यालयों, बार-नाइट क्लब और होटल में बढ़-चढ़कर जिस्मफरोसी की जा रही है जिसे रोकने वाला कोई नहीं है।
पीड़ित महिलाओं ने बांटा अपना दर्द
रिपोर्ट में कुछ महिलाओं के इंटरव्यू भी छपे हुए हैं। जिसमें पेशे से एक डॉक्टर 28 साल की सु ने बताया कि वो सिंगापुर, भारत और नेपाल में छुट्टियां बिताने जाती थीं और परिवार के साथ एक संपन्न जीवन जी रही थीं लेकिन तख्तापलट के बाद अंडे और टूथपेस्ट जैसी चीज़ें तक महंगी हो गईं। बचत के लिए एक वक्त ऐसा आया कि उन्हें अपना खाना तक छोड़ना पड़ा था। अंतर्राष्ट्रीय खाद्य नीति अनुसंधान संस्थान के अनुसार म्यांमार में एक सामान्य भोजन की लागत में 160% की कीमत की बढ़ोतरी हो गई।
मां-बाप को नहीं पता बेटी क्या कर रही है
सु ने बताया कि 2023 में उसने अपनी नग्न तस्वीरें एक ऐसी महिला को भेजी जिसने उसे क्लाइंट्स से जोड़ा। ये क्लाइंट रात में ही उसे बुलाते हैं। कलेजा फाड़ने की बात तो ये है कि माता-पिता भी ये नहीं जानते कि उनकी बेटियां कहां जा रही हैं उन्हें तो बेटियां ये बताती हैं कि वो अस्पताल में नाइट शिफ्ट के लिए जा रही हैं। सू ने अखबार को बताया कि वे बाल रोग विशेषज्ञ बनना चाहती थी और बच्चों की मदद करना चाहती थी। लेकिन तख्तापलट से पूरे परिवार की आर्थिक स्थिति बिगड़ गई जिससे उसे मजबूरन इस गंदगी में उतरना पड़ा।
भूख क्या होती है कोई नहीं जानता
25 साल की सिंगल मदर माया ने अखबार को बताया कि 2021 में विरोध प्रदर्शन के दौरान सैनिकों ने उसके पति को गोली मार दी जिससे उनकी मौत हो गई। पति के बिना घर चलाने के लिए उसने कपड़ा फैक्ट्री में नौकरी की तलाश की लेकिन कोई भी उसे काम पर नहीं रख रहा था। अपनी 3 साल की बेटी को पालने-पोसने के लिए अपनी सारी कीमती चीज़ें बेच दीं और आखिरकार वेश्यावृत्ति में उतर गई। माया ने कहा कि लोग भले ही उन्हें जज करें, लेकिन वो ये नहीं जानते कि भूख क्या होती है, अपने बच्चे जब खुद के सामने भूख से बिलखते हैं तो कैसा लगता है। माया सिर्फ किसी तरह बस इस गंदगी से बाहर निकलने के बारे में प्रार्थना करती हैं।