विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक XE ओमिक्रॉन के दो सब वैरिएंट BA.1 और BA.2 का रीकॉम्बिनेंट स्ट्रेन है। शायद यही वजह है कि ये ओमिक्रॉन के वैरिएंट्स से कई गुना ज्यादा खतरनाक बताया जा रहा है।
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WHO की रिपोर्ट के मुताबिक BA.2 की तुलना में इसकी कम्यूनिटी ग्रोथ रेट 10 फीसदी ज्यादा होने के संकेत मिले हैं। हालांकि अभी इसको लेकर पूरी तरह पुष्टि नहीं की गई है, क्योंकि इस पर अभी और जांच बाकी है, लेकिन डब्ल्यूएचओ ने इसको लेकर चिंता जरूर जाहिर की है।
WHO का कहना है कि BA.2 सब-वैरिएंट अब दुनियाभर के लिए सबसे बड़ी चिंता बन चुका है जिसके सीक्वेंस्ड मामलों की संख्या लगभग 86 फीसद है।
ब्रिटेन में अब तक XE के 600 मामले
जबकि XE स्ट्रेन का पहली बार यूके में 19 जनवरी को पता चला था और तब से 600 से ज्यादा XE मामलों की पुष्टि हो चुकी है। ब्रिटेन की स्वास्थ्य सुरक्षा एजेंसी (HSA) की मुख्य चिकित्सा सलाहकार सुजैन हॉपकिंस के मुताबिक, अब तक इसकी संक्रामकता, गंभीरता या उनके खिलाफ कोरोना टीकों की प्रभावशीलता के बारे में निष्कर्ष निकालने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं हैं।
XE के अलावा XD वैरिएंट पर भी नजर
XE के अलावा, WHO एक अन्य रीकॉम्बिनेंट वैरिएंट XD पर भी नजर रख रहा है। बताया जा रहा है कि XD डेल्टा और ओमिक्रॉन का एक हाइब्रिड वैरिएंट है।
इसके ज्यादातर मामले फ्रांस, डेनमार्क और बेल्जियम में पाए गए हैं। WHO ने बताया कि अब तक सामने आए नए साक्ष्य XD के ज्यादा संक्रामक होने या इसके बहुत घातक परिणाम होने की पुष्टि नहीं करते हैं।
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