रूस पर प्रतिबंध लगाने का फैसला लेते हुए राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) ने कहा कि हमारे इस फैसले के लक्ष्य ये सुनिश्चित करना है कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) विदेश में अपनी आक्रामकता और घर पर दमन के लिए और भी अधिक कीमत चुकाएं। वो ये महससू करें कि वो जो यूक्रेन (Ukraine) के साथ कर रहे हैं वो उनके लिए कितना महंगा पड़ने वाला है।
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Israel-Palestine war: युद्ध पीड़ितों तक भोजन भी नहीं पहुंचने दे रहा इजरायल, लोग जानवरों का चारा खाने को मजबूर ये हैं प्रतिबंध बता दें कि अमेरिका (America) ने रूस पर जो प्रतिबंध लगाए हैं, उनमें रूस की मीर भुगतान प्रणाली, वित्तीय संस्थानों और उसके सैन्य औद्योगिक आधार, प्रतिबंधों की चोरी, भविष्य के ऊर्जा उत्पादन और अन्य क्षेत्रों शामिल हैं। संयुक्त राज्य अमेरिका ने इसके बाद रूस के प्रमुख टैंकर समूह, सोवकॉम्फ्लोट पर भी प्रतिबंध लगा दिया और उस पर रूसी तेल पर G-7 की मूल्य सीमा का उल्लंघन करने में शामिल होने का आरोप भी लगाया। इसके अलावा 14 कच्चे तेल टैंकरों पर भी बैन लगा दिया है, जो रूस के लिए काफी अहम माने जाते हैं। क्योंकि इन्हीं टैंकरों से रूस दूसरे देशों के निर्यात करता है।
अमेरिका के प्रतिबंधों पर रूस का जवाब अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के इस फैसले पर रूस का भी जवाब आ गया है। अमेरिका में रूस के राजदूत अनातोली एंटोनोव (Anatoly Antonov) ने कहा है कि क्या वाशिंगटन को ये एहसास नहीं है कि प्रतिबंध हमें नीचे नहीं गिराएंगे? दूसरी तरफ ट्रेजरी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है अमेरिका ने रूस के टैंकर समूह पर प्रतिबंध लगाया है जो कि सरासर अन्याय है। टैंकर समूह सोवकॉम्फ्लोट को मूल्य सीमा उल्लंघन में फंसाया गया है, जबकि ऐसा नहीं है।