क्या है ये Death Clock ऐप
द गार्जियन की प्रकाशित एक खबर के मुताबिक डेथ क्लॉक (Death Clock) बनाने वाले वैज्ञानिक ब्रेंट फ्रेंसन ने दावा किया है कि ये ऐप यूजर को उसकी मौत का दिन बताएगा सिर्फ इतना ही नहीं ये समय-समय पर अलर्ट भी देगा कि आपकी जीवनशैली कैसी है, किन चीजों से आपके जीवन को नुकसान हो सकता है, ऐसे में क्या आपको क्या सुधार और क्या बदलाव करना चाहिए। ऐसे करके आप मौत के खतरे को टाल भी सकते हैं। रिपोर्ट में वैज्ञानिक ब्रेंट फ्रेंसन के शोध का हवाला देते हुए बताया गया है कि ये डेथ क्लॉक एप 5 करोड़ से ज्यादा लोगों और 1200 से ज्यादा जीवन प्रत्याशा के आधार पर बनाया गया है।
कैसे काम करता है डेथ क्लॉक
मौत का दिन बताने वाला ये डेथ क्लॉक ऐप यूजर्स के डाउनलोड करने के बाद उससे कुछ स्वास्थ्य संबंधी सवाल पूछता है, जैसे कि आप क्या खाते हैं, क्या पीते हैं, कितने बजे उठते हैं, कितने बजे सोते हैं, एक्सरसाइज़ करते हैं या नहीं, या नशा करते हैं या नहीं? इस तरह के सवालों के जवाब देने के बाद ये डेथ क्लॉक इन्हीं जवाबों के आधार पर एक डेटा तैयार कर आपकी मौत का दिन का अनुमान लगाता है। साथ ही वक्त-वक्त पर आपको ये भी बताता रहता है कि आपको अपनी जीवनशैली में क्या सुधार लाना चाहिए।
लोगों की जीवनशैली और बुढ़ापे के प्लान के जागरुक कर रहा ये ऐप
बता दें कि ये ऐप स्वास्थ्य के प्रति जागरूक लोगों के आकर्षण का केंद्र तो बना ही हुआ है साथ ही अर्थशास्त्रियों और वित्तीय योजनाकारों का भी पसंदीदा बन रहा है। ये इस ऐप से होने वाले प्रभावों पर शोध कर रहे हैं। ये ऐप लोगों की जीवन प्रत्याशा को तो बढ़ाने में सहायक हो ही रहा है साथ ही लोगों के रिटायरमेंट, पेंशन से लेकर जीवन बीमा यानी लाइफ इंश्योरेंस में पॉलिसी कवरेज तक के सुझाव की कवरेज तक को कवर कर रहा है। एक सामाजिक सुरक्षा प्रशासन की डेथ रेट के डेटा के मुताबिक अमेरिका में एक 85 साल के शख्स की एक साल के भीतर मौत होने की 10% संभावना है और उसके पास जीने के लिए औसतन 5.6 साल हैं। हालांकि इस औसत और वास्तविकता में बहुत ज्यादा अंतर भी हो सकता है।