मावल्यान्नांग में लगभग 15 परिवार रहते हैं। यहां रहने वाले अधिकतर लोग खासी समुदाय से ताल्लुक रखते हैं। खासी एक जनजाति है जो भारत के मेघालय, असम और बांग्लादेश के कुछ क्षेत्रों में रहते हैं। खासी समुदाय की परंपरा के अनुसार, मावल्यान्नांग में सम्पत्ति और धन दौलत मां अपनी सबसे बड़ी बेटी को दे देती है और वह अपनी मां का उपनाम आगे बढ़ाती है। विवाह होने पर पति ससुराल में रहता है। यहां पर आपको सुंदर पानी के झरने, वृक्षों की लंबी लंबी जड़ों से बने आकर्षक पुल जो आपको आश्चर्यचकित कर डालेंगे। मावल्यान्नांग के लोग इस बात की मिसाल हैं कि, कैसे अपने वातावरण को साफ रखा जाता है। यहां आपको जगह-जगह पर बांस से बने कूड़ेदान मिल जाएंगे। यहां के लोग कूड़े को भी जाया नहीं जाने देते। ज़मीन में गड्ढा कर कूड़े को डालकर उसे खाद बना दिया जाता है जिसे खेती के लिए इस्तेमाल किया जाता है।