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पानी का बहाव नीचे के बजाए ऊपर
मैनपाट के स्थानीय लोगों का मानना है कि एक समय यहां पर जलस्त्रोत रहा होगा। जो अब ऊपर से पूरी तरह सूख गया है मगर अंदर की जमीन पूरी तरह से दलदली है जिसके चलते ऐसा होता है। वहीं वैज्ञानिको का ऐसा मानना है की इस जमीन के नीचे आन्तरिक दवाब एवं खाली स्थान में पानी भरा हुआ है। जिसके चलते यहां की जगह दलदली और स्पंजी हो गई है। यहां सैलानियों के आकर्षण का एक कारण ‘उल्टा पानी’ भी है। जहां पानी का बहाव नीचे के बजाए ऊपर की ओर यानी ऊंचाई की तरफ है। इस स्थान पर गाड़ी को न्यूट्रल में खड़ी करते हैं, तो वह 110 मीटर तक पहाड़ी की ओर चली जाती है।
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खूबसूरत वादियां और झरना
हालांकि कारण कुछ भी हो पर यह जगह सभी पर्यटकों के लिए किसी अजूबे से कम नहीं है। यहां पर कई व्यक्ति सिर्फ यही आनंद लेने आते है और मजे लेते हुए उछल उछल कर जमीन को हिलाने का बहुत आनंद उठाते हैं। यह खूबसूरत पर्यटन स्थल सभी लोगो को बहुत पसंद आता है। यहां की खूबसूरत वादियां और झरनों की वजह से यहां का मौसम ठंडा रहता है। मैनपाट में माण्ड नदी पर सरभंजा फॉल के पास है। यह स्थान इको पॉइंट या टाइगर पॉइंट के नाम से जानी जाती है। यह स्थान जिला मुख्यालय अंबिकापुर से करीब 45 किलोमीटर की दूरी पर है।