हम यहां रानी रूपमती ? की बात कर रहे हैं। मध्य प्रदेश के मांडू में रहने वाले एक किसान की बेटी थी रूपमती। वो न केवल सुंदर थी बल्कि गुणवान भी थी क्योंकि रूपमती गायन कला में भी निपुण थी। उस समय मांडू के राजा थे बाज बहादुर। राजा को जब रूपमती के बारे में पता लगा तो उन्होंने उसे अपने महल में बुलवाकर गायन की प्रस्तुति करवाई।
राजा को रूपमती का सौन्दर्य और गायन इस कदर पसंद आया कि उन्होंने उससे शादी कर ली। रूपमती अब रानी रूपमती बन चुकी थी। राजा बाज बहादुर भी काफी खुश थे, लेकिन मानों उनकी खुशी को किसी की नजर लग गई। आखिर ऐसा क्या हुआ कि देखते ही देखते सबकुछ तहस-नहस हो गया? आइए आपको इस बारे में बताते हैं।
मुगल बादशाह अकबर के कानों तक भी रूपमती के सौन्दर्य की बात पहुंची। अकबर मन ही मन रानी को पाने की ख्वाब देखने लगा। बिना देर किए बादशाह अकबर ने राजा बाज बहादुर को पत्र लिखा कि रूपमती को उनकी सेवा में भेज दिया जाए। अकबर के इस पत्र को पढ़कर राजा बाज बहादुर गुस्से से तिलमिला गए। उन्होंने फौरन अकबर को पत्र लिखा कि वो ऐसा नहीं कर सकते।
इधर अकबर भी हार मानने वालों में से नहीं थे। उन्होंने अपने सेनापति आजम खां को आदेश दिया कि मालवा पर आक्रमण कर रूपमती को बंदी बनाकर उनके आगे पेश करें। सेनापति ने बिल्कुल वैसा ही किया जैसा उसे आदेश दिया गया। विशाल सेना के साथ आजम खां बाज बहादुर पर हमला बोल दिया। अकबर की सेना के मुकाबले बाज बहादुर की सेना बहुत छोटी थी।फलस्वरूप वे युद्ध हार गए। सेनापति आजम खां ने राजा को बंदी बना लिया। अब वो रूपमती को बंदी बनाने के लिए उनकी ओर बढ़ने लगा, लेकिन रूपमती ने जहर खाकर अपने स्वयं को खत्म कर लिया।
अकबर को जब इस बारे में पता चला वो उन्हें बेहद दुख हुआ। उन्हें अपनी गलती का एहसास हुआ और पश्चाताप करने लगे। वे इस कदर आहत हुए कि उन्होंने रूपमती के लिए एक मकबरे का निर्माण किया।
अकबर ने बाज बहादुर को भी रिहा कर वापस उन्हें उनके राज्य भेज दिया। इधर जब राजा मालवा पहुंचे तो उनके लिए सबकुछ बर्दाश्त कर पाना नामुमकिन था।
मालवा पहुंचकर रूपमती के मकबरे पर सिर पटक कर राजा ने अपने प्राण त्याग दिए। वाकई में इन दोनों की कहानी प्रेम की एक अद्भूत मिसाल है। इस घटना के बाद से ऐसा माना जाने लगा था कि अकबर इसे अपनी जिंदगी की सबसे बड़ी भूल मानने लगे थे। मध्य प्रदेश में आज भी दोनों का मकबरा स्थित है।