पिछले 25 सालों से मिट्टी खा रहा ये शख्स, अब तक नहीं हुई कोई बीमारी डॉक्टर भी हैं हैरान इन दिनों कुछ तस्वीरें सोशल मीडिया पर
वायरल (
viral ) हो रही हैं जो कि
मध्यप्रदेश (
madhya pradesh ) के झबुआ की हैं। यहां धुलेंडी के तेजाजी मंदिर Temple के पास शिव मंदिर प्रांगण में चूल परंपरा निभाई गई। इस परंपरा में लोग खौलते हुए अंगारों के ऊपर से गुजरते हैं। इन खौलते अंगारों के ऊपर से गुजरने वाले लोगों के चेहरे पर किसी तरह का कोई डर नहीं होता। बल्कि, सभी लोग इस परंपरा को पूरी आस्था के साथ निभाते हैं। खौलते अंगारों को तैयार करने के लिए लगभग 121 किलो लकड़ी जलाई जाती है। इन जलती लकड़ियों में लगभग 21 किलों शुद्ध घी डाला जाता है और इसके बाद लोग इसके ऊपर से गुजरते हैं।
ये है ‘घूंघट वाली चाय’, एक चुस्की लेते ही लोगों के मन को मिलता है सुकून इन खौलते अंगारों के ऊपर से 40 से ज्यादा मन्नतधारी लोग चले, जिनमें पुरुष और महिलाएं दोनों शामिल थे। वहीं इन अंगारों के ऊपर से गुजरने से पहले कुछ लोगों ने अपने पैरों में मेहंदी लगा ली थी तो कुछ लोगों ने कुछ भी नहीं लगाया। इस संदर्भ में पेटलावद अस्पताल ( Petlawad Hospital ) में पदस्थ गोपाल चोयल ( Gopal Choyal ) के अनुसार, मेडिकल कारण के मुताबिक ये सब बहुत जल्दी होता है। शरीर की त्वचा का रेसिस्टेंस आग को लेकर जितना होता है, उससे कम समय में लोग अंगारों से निकल जाते हैं। वहीं अगर शरीर की त्वचा पर कोई लेप लगा हुआ हो तो गर्मी और कम असर करती है।