कसार देवी मंदिर, उत्तराखंड
बता दें कि ऐसी कई जगहें हैं जहां पर धरती की भू-चुंबकीय ऊर्जा सबसे मजबूत है। ये सुनकर भले ही आप हैरान हो रहे हों लेकिन ये पूरी तरह सच है। इसमें कुछ अद्वितीय ऐतिहासिक और सांस्कृतिक स्मारकें भी शामिल हैं। उत्तराखंड का कुमाऊं क्षेत्र भी इसी में शामिल है। कहा जाता है कि कुमाऊं क्षेत्र में स्थित कसार देवी मंदिर के चारों तरफ भू-चुंबकीय क्षेत्र बहुत ज्यादा मजबूत है। कुदरत की खूबसूरती के साथ ही यहां मानसिक शांति भी महसूस होती है। यह अद्वितीय और चुंबकीय शक्ति का केंद्र भी है। भारत के उत्तराखंड में अल्मोड़ा स्थिति कसारदेवी शक्तिपीठ हैं।
सर्बिया
दक्षिण-पूर्वी यूरोप में स्थित सर्बिया भी उन जगहों में शामिल है जहां पर धरती का भू-चुंबकीय क्षेत्र सबसे ज्यादा मजबूत है। यह जगह यूरोपीय देश बाल्कन और पैनोनियन बेसिन के पास स्थित है। बता दें कि सर्बिया बेहद खूबसूरत है। उत्तरी ध्रुव से देश की निकटता इसके चुंबकीय क्षेत्र होने की वजह हो सकती है।
माचू पिचू, पेरू
पेरू में माचू पर्वत है जहां पर भू-चुंबकीय क्षेत्र ज्यादा मजबूत है। इस पर्वत पर एक किला स्थित है और यह जगह चुंबकीय है।
ध्रुव
उत्तरी और दक्षिणी ध्रुव में भू-चुंबकीय ऊर्जा मजबूत रहती है। यह ऐसा केंद्र है जहां से धरती का भू-चुंबकीय क्षेत्र सर्कुलेट होता है।
मैग्नेटिक हिल, लद्दाख
लद्दाख की मैग्नेटिक हिल एक ऐसी जगह है, जिसके बारे में सुनकर आपको भी हैरानी होगी। क्योंकि यहां पर सड़कों पर खड़ी गाड़ियां ऊपर की ओर जाने लगती हैं। हालांकि ये सिर्फ एक ऑप्टिकल भ्रम है। सड़क का लेआउट की ओर जाने जैसा दिखाई देता है, लेकिन सड़क वास्तव में नीचे की तरफ आ रही है।
स्टोनहेंज, यूके
यूनाइटेड किंगडम (यूके) में स्टोनहेंज धरती की सबसे अनोखी स्मारकों में शामिल है। वैज्ञानिक इसके प्रकृति, उत्पत्ति और उद्देश्य से जुड़ी जानकारी हासिल करने में लगे हुए हैं। यह संरचना रहस्यमयी है। सबसे खास बात यह है कि यहां पर भू-चुंबकीय क्षेत्र सबसे मजबूत है।