गर्दन में लगातार दर्द होना, गले में जकडऩ, सिर दर्द, गर्दन के पिछले हिस्से से शुरू होकर नीचे तक दर्द होना, सो कर उठते समय चक्कर आना, उल्टी होना लक्षण दिखयी दे तो आपको सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस हो सकता है तुरंत ही चिकित्सक से भेंट कर बीमारी का इलाज करना चाहिए।
इन कारणों से भी होता है सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस
भोजन में कैल्शियम व विटामिन डी की कमी के चलते हड्डियां कमजोर हो जाताी है, फै्रक्चर या हड्डी में चोट लगना, शारीरिक श्रम का आभाव, गलत ढंग से बैठना व उठना, लम्बे समय तक वाहन चलाना व अनुवांशिक कारण भी सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस के लिए जिम्मेदार होता है।
सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस का घरेलु इलाज
आयुर्वेद में सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस को वातज व्याधि माना जाता है। बीमारी के इलाज के लिए शामक द्रव्यों का प्रयोग उत्तम होता है। इस बीमारी में लहसुन व अजवाइन का प्रयोग उत्तम माना जाता है। इसके अतिरिक्त चिकित्सक से सलाह लेकर निर्गुण्डी, रास्ना, एरण्ड बूल, बला, अश्वगंधा का चूर्ण या क्वाथ ले सकते हैं।
आयुर्वेद चिकित्सक डा.श्याम सुन्दर पांडेय ने बीमारी के इलाज पर शोध किया है और इलाज का तरीका बताया है। उन्होंने कहा कि बीमारी के इलाज के लिए अस्थि संधि को पोषण देने वाले द्रव्यों का उपयोग किया जाता है। डा. श्याम सुन्दर पांडेय ने अपनी नयी दवा का नाम रास्नाकल्प है। इस दवा को पेटेंट कराने के लिए भेजा गया है। डा.पांडेय के अनुसार मधुमेह रोगियों को सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस हो जाता है तो उन्हें ठीक होने में समय लगता है नहीं तो रास्नाकल्प दवा का परिणाम तीन हफ्त में दिखने लगता है और तीन से छह माह में रोगी पूर्ण रुप से ठीक हो जाता है।