एक निजी होटल में मीडिया से बात करते हुए स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा कि खराब व्यवस्था को कैसे सुधारा जाता है यह बीजेपी ने करके दिखाया है। मायावती को बीजेपी से सीख लेनी चाहिए। स्वास्थ्य व्यवस्था बिगाडऩे की जननी मायावती थी मायावती के बाद उनके बबुआ ने भी स्वास्थ्य व्यवस्था को खस्ताहाल कर दिया था। यूपी में दिमागी बुखार के प्रश्र पर कहा कि हम लोग इस दिशा में लगातार काम कर रहे हैं। यूपी में व्यवस्था अब ठीक है। 2017 व 18 को देखा जाये तो दिमागी बुखार के मामले में 67 प्रतिशत गिरावट आयी है हम सारी तैयारी कर रहे हैं मैं खुद पूर्वांचल के दौरे में है। सीएम योगी आदित्यनाथ से लेकर सभी लोग बैठक कर विभिन्न अभियानों की समीक्षा कर रहे हैं पिछले साल हम लोगों ने दस्तक तहत 66 लाख घर में अभियान चलाया था वह इस साल भी हो रहा है। उम्मीद कर रहे हैं कि नीति आयोग के नये आंकड़े आयेंगे तो दिमागी बुखार के मामलों में और गिरावट आयेगी। उन्होंने कह कि दिमागी बुखार को लेकर सबसे अधिक बस्ती व गोरखमंडल के लोग प्रभावित होते थे। पिछले साल 38 जिले में बीमारी को लेकर अभियान चलाया गया था इस साल 75 जिलो में एक जुलाई से अभियान चलाने की तैयारी की गयी है। अभियन केतहत जेई, एई व संचारी रोगों के रोगथाम पर काम होगा। इसी अभियान का एक हिस्सा दस्तक भी है।
यह भी पढ़े:-महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ का प्रवेश परीक्षाफल घोषित, ऐसे होगी ऑनलाइन काउंसलिंग लोकसभा चुनाव परिणाम आने के पहले ही कहा था कि सपा व बसपा का गठबंधन टूट जायेगासिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा कि लोकसभा चुनाव 2019 का परिणाम आने के पहले ही बीजेपी ने सपा व बसपा गठबंधन को लेकर जो भविष्यवाणी की थी वह सही साबित हुई है। बीजेपी ने कहा था कि चुनाव परिणाम आने के बाद गठबंधन टूट जायेगा। हमारे विरोधी दल बहुत अवसरवादी है। पहले बबुआ व कांग्रेस का गठबंधन हुआ था जो चुनाव परिणाम के बाद खत्म हो गया था। उसके बाद बुआ व बबुआ का गठबंधन भी अब खत्म हो गया। सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा कि विरोधी दल लाभ के लिए गठबंधन करते हैं और जब लाभ नहीं मिलता तो गठबंधन तोड़ देते हैं।
यह भी पढ़े:-होटल में मिली युवती की लाश, हत्या की आशंका पश्चिम बंगाल की जनता को बीजेपी के रुप में मिल चुका है विकल्पपश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी, वामपंथ दल व कांग्रेस के संभावित महागठबंधन की चर्चा पर भी सिद्धार्थ नाथ सिंह ने अपनी बात कही। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में परिवर्तन के नाम पर वोट पड़ते रहे हैं ममता बनर्जी भी परिवर्तन का नारा देकर आयी थी। ममता जी वामपंथियों के लिए आईना बनी थी। पश्चिम बंगाल की जनता को बीजेपी विकल्प के रुप में मिल चुकी है जो विकास करती है। वहां पर परिवर्तन विकास के लिए हो रहा है। इसलिए बीजेपी वहां पर खड़ी है न कि वामपंथी व टीएमसी के बल पर ।
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