बागपत जिला जेल में 9 जुलाई 2018 को गोली मर कर हत्या की गयी थी। हत्या के समय वहां पर संजय सिंह जेलर पद पर तैनात थे जिस समय बजरंगी की हत्या हुई थी उस समय जेलर अवकाश पर थे। इसके बाद जेलर का तबादला जौनपुर जिला जेल में किया गया था। मुन्ना बजरंगी खुद ही जौनपुर का निवासी थी और यहां की जेल में उसके खतरनाक गुर्गे भी बंद थे। जेलर को अन्य बंदियों से जानकारी मिली कि बजरंगी गैंग के लोग उसकी हत्या की साजिश रच रहे हैं इसके बाद जेलर से एसपी को पत्र लिख कर सुरक्षा मांगी थी। एसपी ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तुरंत ही जेलर को सुरक्षा व्यवस्था उपलब्ध करायी थी लेकिन जेलर फिर भी सुरक्षा को लेकर निश्चित नहीं हो पाये थे। जेलर पहले अवकाश पर गये थे और बाद में अपना तबादला फतेहगढ़ जेल करा लिया था। यहां पर रहते हुए भी जेलर के पत्र के आधार पर बजरंगी गैंग के १८ सदस्यों का तबादला अन्य जिलों में किया गया था इसके बाद भी जेलर फतेहगढ़ से अन्य किसी जेल में जाना चाहते हैं।
यह भी पढ़े:-#KeyToSuccess दुनिया के एकमात्र वकील जो संस्कृत भाषा में 41 साल से लड़ रहे मुकदमा, विरोधियों के पास नहीं होता जवाब प्रदेश भर के जेल में बंद है बजरंगी गिरोह के शूटरमुन्ना बजरंगी के जिंदा रहते हुए उसका खौफ लोगों के सिर पर चढ़ कर बोलता था। बजरंगी गिरोह के पास शूटरों की फौज थी जो इशारा मिलते ही किसी की हत्या कर देते थे। बजरंगी गिरोह के शूटर इतने खौफनाक ढंग से घटना को अंजाम देते थे कि उसके पास से जिसके पास भी बजरंगी का फोन जाता था वह तुरंत रंगदारी दे देता था। मुन्ना बजरंगी को सुपारी किंग भी कहा जाता था वह किसी की भी हत्या की सुपारी ले लेता था और शूटरों से हत्या करवाता भी था। बजरंगी ने प्रदेश में कई हत्याये करायी थी जिसके बाद प्रदेश भर के जेलों में बजरंगी गिरोह के शूटर बंद है और वह फिर से पुरानी धाक कायम करने की साजिश रच रहे हैं।
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