पीएम नरेन्द्र मोदी की लहर में बीजेपी ने कई राज्यों में चुनाव जीता था लेकिन राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र में बीजेपी का प्रदर्शन आशा के अनुरुप नहीं था। बनारस के महमूरगंज और लोहता में हुई संघ की बैठक में चुनाव में आशा के अनुसार सफलता नहीं मिलने के कारणों पर मंथन किया गया। सूत्रों की माने तो संघ वह गलती नहीं दोहरायेगा। जो उन राज्यों में हुई थी। संघ अब अधिक से अधिक लोगों तक पैठ बनाने में जुटेगा। संघ का विशेष फोकस सामाजिक समरसता पर रहेगा। इसके लिए स्वयंसेवक अधिक से अधिक लोगों के घर जायेंगे और उनके साथ भोजन भी करेंगे। दलित बस्तियों में जाकर स्वयंसेवक पर्व मनायेगा। ऐसा करने से संघ के कार्यों की अधिक से अधिक लोगों को जानकारी मिल पायेगी। साथ ही विरोधी संघ पर किसी तरह का आरोप नहीं लगा पायेंगे।
यह भी पढ़े:-सिर्फ पराली जलाने से नहीं बढ़ रहा वायू प्रदूषण:-सूर्य प्रताप शाही कामन सिविल कोड को लेकर भी हुआ मंथनजम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटने व अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण का मार्ग प्रशस्त हो जाने के बाद संघ बचे हुए मुद्दे पर अपना ध्यान केन्द्रीत करने में जुटा है, जिसमे कामन सिविल कोड भी शामिल है। माना जा रहा है कि पीएम नरेन्द्र मोदी सरकार इस कार्यकाल में एनआरएसी के साथ कामन सिविल कोड पर फाइनल निर्णय कर सकती है ऐसे में संघ ने पहले से ही इन मुद्दों को लेकर अपनी तैयारी तेज कर दी है।
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