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वाराणसी

कैसे पूरा होगा NGT का आदेश, जुलाई तक लगाने हैं डेढ़ लाख पौधे

वरूणा व असि नदी के किनारे लानी है हरियाली, जमीन पर उतरा प्रोजेक्ट तो शहर की बदल जायेगी तस्वीर

वाराणसीJun 15, 2019 / 01:15 pm

Devesh Singh

River Greenery

River Greenery

वाराणसी. नेशलन ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने बनारस को प्रदूषण मुक्त करने के लिए काम शुरू करने का आदेश दिया है। एनजीटी के पूर्वी यूपी के चेयरमैन जस्टिस डीपी सिंह ने वरूणा व असि नदी के किनारे जुलाई तक डेढ़ लाखे पौधे लगाने का निर्देश दिया था। जून का एक पखवाड़ा खत्म हो चुका है लेकिन अभी तक इस दिशा में ठोस कार्य नहीं हुए।
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हरियाली के आभाव में बनारस शहर कंक्रीट का जंगल बन चुका है। गर्मी में वृद्धि होने से एसी का प्रयोग बढ़ता जा रहा है इसके चलते तापमान में वृद्धि होती जा रही है। शहर को प्रदूषण से मुक्त व हरियाली युक्त करने की जिम्मेदारी एनजीटी ने हटायी है। जस्टिस डीपी सिंह कई बार बनारस आ चुके हैं और अधिकारियों का निर्देश दिया था कि वरूणा कॉरीडोर व असि नदी के किनारे के अतिक्रमण की सूची बनायी जाये। इसके लिए मई व जून तक का समय दिया गया था। लोकसभा चुनाव २०१९ के चलते मई में काम नहीं हो पाया था अब जून में इस दिशा में काम होने की संभावना है इसके बाद ही अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शुरू हो पायेगी। अतिक्रमण हटाने से पहले ही पौधा रोपण करना है। जस्टिस डीपी सिंह ने खुद कहा था कि बनारस के विकास में पैसे की कमी नहीं है। असि व वरूणा किनारे अतिक्रमण हटा कर वहां पर पौध रोपण करना होगा। हम अपने निर्देश की लगातार समीक्षा कर रहे हैं और उसी अनुसार आगे की कार्रवाई करेंगे।
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पौध रोपण कर ऑक्सीजन बैंक बनाने की है तैयारी
एनजीटी ने पहले ही वरूणा किनारे 50 मीटर क्षेत्रफल की जमीन को बेचने व खरीदने पर रोक लगायी हुई है। रजिस्ट्री हो चुकी जमीनों पर नया निर्माण भी अवैध होगा। एनजीटी की योजना शहर में ऑक्सीजन बैंक बनाने की है। इसके लिए वरूणा नदी के किनारे पांच लाख पौधे लगाये जायेंगे। नदी किनारे पौधे लगाने से जल को प्रदूषण से मुक्त करने में आसानी होगी। साथ ही हरियाली बढऩे से मिट्टी का कटान भी रुकेगा। शहर में इतनी संख्या में जब पौधे लग जायेंगे तो वायु प्रदूषण भी दूर होगा। एनजीटी ने शहर की सेहत सुधारने की तैयारी की है। अब देखना है कि अधिकारी निर्देश का पालन करते हैं या फिर एनजीटी के निर्देशों का उल्लंघन करते हैं।
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