यूपी का सबसे लंबा रोपवे होगा कैंट से गोदौलिया के बीच पांच किलोमीटर लंबी रोपवे परियोजना में चार स्टेशन बनाए जाएंगे। कैंट स्टेशन से इसकी शुरुआत होगी और साजन तिराहा, रथयात्रा पर ठहराव के विकल्प के बाद गोदौलिया पर अंतिम स्टेशन होगा। सर्वे करने वाले एजेंसी ने आंकलन किया है कि इस परियोजना से शहर के विभिन्न मार्गों पर जाम की समस्या भी कम होगी। दरअसल, मेट्रो परियोजना में आ रही अड़चन के चलते शहर में रोपवे संचालन का विकल्प दिया गया था।
इसमें वाराणसी कैंट से गोदौलिया के बीच पहले रोपवे लाइन के पायलट प्रोजेक्ट का प्रस्ताव दिया गया है। यह यूपी का सबसे लंबा रोपवे होगा।
जल, थल, नभ से जुड़ जाएगा विश्वनाथ मंदिर रोपवे परियोजना के धरातल पर उतर जाने के बाद काशी विश्वनाथ मंदिर यातायात के सभी विकल्पों से जुड़ जाएगा। गंगा के रास्ते नाव और क्रूज से मंदिर को जोड़ने के बाद रोपवे के जरिये नभ मार्ग से मंदिर की कनेक्टिविटी हो जाएगी। इससे आने जाने वालों को काफी सहूलियम मिलेगी। वर्तमान में गोदौलिया के आगे काशी विश्वनाथ मंदिर और गंगा घाट जाने वाले मार्ग पर वाहनों का प्रतिबंध है। माना जा रहा है कि ये रोपवे मेट्रो का विकल्प बनेगा। वैपकास कंपनी ने तीन रूटों पर इसका प्लान तैयार किया है। इसमें पहला रूट शिवपुर से कचहरी, सिगरा, रथयात्रा होते हुए लंका, दूसरा कचहरी से लहुराबीर, मैदागिन, गोदौलिया होते हुए लंका और तीसरा रूट लहरतारा से नरिया होते हुए बीएचयू तक है। पुराने शहर के लिए अब तक हुए सर्वे में रोपवे को मुफीद माना गया है।
साल के अंत में होगा शिलान्यास रोपवे का शिलान्यास साल के अंत दिसंबर 2021 तक किया जा सकता है। डीपीआर प्रस्तुतीकरण के बाद परियोजना में खर्च होने वाले बजट पर राज्य और केंद्र सरकार में सहमति पत्र तैयार होगा। कंसलटेंट कंपनी के चयन के बाद इस परियोजना को धरातल पर उतारने की कवायद की जाएगी। इसमें तीन से चार महीने का वक्त लग सकता है।
इनसेट काशी से चुनार के बीच पांच सितंबर से चलेगा क्रूज काशी से चुनार के बीच पांच सितंबर से क्रूज का संचालन शुरू होने जा रहा है। पर्यटकों को लेकर सप्ताह में एक दिन, रविवार को क्रूज काशी से चुनार पहुंचेगा और उसी दिन वापस भी आ जाएगा। सैलानियों की जरूरत और मांग को देखते हुए क्रूज का फेरा बढ़ाया जा सकता है। काशी से चुनार का सफर चार घंटे का होगा। चुनार पहुंचने के बाद सैलानियों को इस जगह पर घुमाया जाएगा। चुनार किला और इससे जुड़ी कहानियां सभी को बताई जाएंगी।
शाम छह बजे तक क्रूज सैलानियों को लेकर वापस काशी पहुंच जाएगा।
क्रूज में का शुल्क तीन हजार रुपये क्रूज में सफर का शुल्क प्रति व्यक्ति तीन हजार रुपये निर्धारित किया गया है। सफर के दौरान पर्यटक काशी के स्ट्रीट फूड्स का लुत्फ उठा सकेंगे। अलकनंदा क्रूजलाइन के निदेशक विकास मालवीय ने कहा कि चुनार तक के लिए क्रूज का संचालन पांच सितंबर से शुरू करने जा रहे हैं। अभी यह सेवा हर रविवार को उपलब्ध होगी। आवश्यकता पड़ने पर इसके फेरे बढ़ाए जाएंगे।