बताया जा रहा है कि यह पहल आईआईटी बीएचयू के निदेशक प्रो पीके जैन की थी। प्रो जैन के इस सुझाव को मानव संसाधन विकास मंत्री ने सहर्स स्वीकार किया। फिर क्या था हर मेधावी मुख्य अतिथि के हाथों उपाधि हासिल कर खुद को गौरवान्वित महसूस करता रहा।
ये भी पढ़ें-IIT BHU Centenary Convocation: मिले मेडल तो खुशियों को लगे पंख इस दौरान मानव संसाध विकास मंत्री, संस्थान के निदेशक, रजिस्ट्रार सभी तकरीबन 3 घंटे तक मंच पर खड़े रहे। औरों के चेहरे पर भले ही शिकन दिखी हो संस्थान के आला अधिकारियों के माथे पर पसीने की लकीरें दिखी हों पर मानव संसाधन मंत्री उपाधि वितरण समाप्ति तक मुस्कुराते रहे।
उपाधि वितरण के बाद जब वह दीक्षांत संबोधऩ के लिए आए तो उन्होंने छात्र-छात्राओं को शुभकामानाए तो दीं, साथ ही नसीहत दी की अब आप सभी के जीवन की तीसरी यात्रा शुरू हो रही है। यह काफी चुनौतीपूर्ण है लेकिन आप सभी को इस यात्रा को हंसते हंसते पूरा करना है। हिंदुस्तान को दुनिया के शिखर पर पहुंचाना है। आपसे ही उम्मीद है, आप ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 5 ट्रिलियन अर्थव्यवस्था के सपने को पूरा कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि महामना की बगिया के फूल हैं आप सभी, लिहाजा आप से यह उम्मीद की जा सकती है कि चुनौतियों से घबराए बिना देश को फिर से सिरमौर बनाएंगे। आप डिग्री हासिल कर नौकरी नहीं खोजेंगे बल्कि कुछ ऐसा करेंगे कि औरों को नौकरी दे सकें। उन्होने कहा कि आप वैज्ञानिकों के बिना पर ही पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने देश के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के जय जवान-जय किशान के नारे में विज्ञान जोड़ा और अब नरेंद्र मोदी ने जवान, किसान और विज्ञान के साथ अनुसंधान जोड़ा है। लिहाजा अब आप सभी पर नए भारत के निर्माण की जिम्मेदारी है।
दीक्षांत समारोह के बाद एमएचआरडी मंत्री रमेश पोखरियाल ’निशंक’ ने जिमखाना मैदान में संस्थान की तीन महत्वपूर्ण परियोजनाओं ’धनराजगिरि छात्रावास-द्वितीय’, इनडोर खेल सुविधाओं के लिए ’छात्र क्रिया-कलाप केंन्द्र’ और संकाय सदस्यों और अधिकारियों को आवासीय सुविधा देने के लिए ’फैकल्टी अपार्टमेंट’ का शिलान्यास किया।