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तत्कालीन रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा के प्रस्ताव को आगे बढ़ाते हुए जिलाधिकारी सुरेन्द्र सिंह ने मंडुवाडीह रेलवे स्टेशन का नाम बनारस रेलवे स्टेशन रखने रखने की तैयारी की गयी है। इसके लिए शासन को प्रस्ताव भेजा गया है। दुनिया का सबसे प्राचीनतम शहर बनारस में पहले से ही कई रेलवे स्टेशन है इसमे से काशी, वाराणसी कैंट व मंडुवाडीह प्रमुख है लेकिन किसी स्टेशन का नाम बनारस नहीं है ऐसे में मंडुआडीह स्टेशन का नाम बनारस हो जाता है तो यात्रियों को शहर में आने में आसानी हो सकता है। प्रदेश के अन्य राज्यों से लोग शहर में काशी विश्वनाथ मंदिर व मां गंगा मेें स्नान करने आते हैं उनके बीच में बनारस नाम बहुत प्रसिद्ध है लेकिन जब बनारस आने के लिए ट्रेन की खोज की जाती है तो यह नाम गायब मिलता है यदि इस स्टेशन का नाम बनारस हो जाता है तो बाहर के पर्यटकों को आसानी होगी।
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पीएम नरेन्द्र मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में चंदौली में स्थित मुगलसराय रेलवे स्टेशन का दीनदयाल उपाध्याय किया जा चुका है। इसके बाद मंडुवाडीह रेलवे स्टेशन दूसरा होगा, जिसका नाम बदल सकता है। फिलहाल नाम बदलने को लेकर अब केन्द्र प्रदेश सरकार के पाले हैं और इस बात की प्रबल संभावना है कि जिला प्रशासन के नाम बदलने के प्रस्ताव को यूपी सरकार से मंजूरी मिल जाये।
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