बसपा नेता अतुल राय गाजीपुर के मूल निवासी हैं। गाजीपुर के भांवरकोल थाना क्षेत्र के वीरपुर गांव के निवासी है। गांव में उनके परिवार के पास पर्याप्त मात्रा खेती की जमीन है। अतुल राय के पिता डीरेका में काम करते थे और परिवार के साथ बनारस रहने लगे थे। बसपा सांसद ने पीजी तक की शिक्षा की थी और मेधावी छात्र माना जाता था। बसपा से ही राजनीतिक जीवन की पारी की शुरूआत की थी। गाजीपुर जिले की जमानियां विधानसभा सीट से वर्ष 2017 में चुनाव लड़ा था लेकिन बीजेपी प्रत्याशी सुनीता सिंह से जीत नहीं पाये थे। इस चुनाव में दूसरे स्थान पर रहे। इसके बाद बसपा से वर्ष 2019 में घोसी संसदीय सीट से टिकट मिल गया। इस चुनाव में भी पीएम नरेन्द्र मोदी की लहर चल रही थी। बीजेपी इस सीट से सुभासपा के नेता व सीएम योगी आदित्यनाथ सरकार में कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर को चुनाव लड़ाना चाहती थी लेकिन उन्होंने इंकार कर दिया था इसके बाद बीजेपी ने अपने वर्तमान सांसद हरिनारायण राजभर को टिकट दिया था। इस चुनाव में अखिलेश यादव व मायावती की पार्टी मिल कर लडी थी। इस सीट पर अखिलेश यादव व मायावती ने 15 मई को मिल कर चुनाव प्रचार किया था और बसपा नेता अतुल राय के लिए वोट मंागा था। अतुल राय के नामांकन करने के बाद से ही वह रेप के आरोप में फंस गये थे। बनारस के लंका थाना में उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था। चुनाव प्रचार के दौरान वह गायब रहे थे। पुलिस भी उन्हें पकड़ नहीं पायी थी। अतुल राय सार्वजनिक रुप से चुनाव प्रचार नहीं कर पाये थे इसके बाद भी एक लाख से अधिक वोट से चुनाव जीता था। चुनाव के दौरान वह अग्रिम जमानत पाने के लिए सुप्रीम कोर्ट तक गये थे लेकिन कोर्ट से राहत नहीं मिल पायी थी। चुनाव परिणाम आने के बाद अतुल राय ने बनारस के न्यायालय परिसर में सरेंडर कर दिया था। इसके बाद से वह जेल में है और अब जाकर शपथ लेन का मौका मिल पाया।
यह भी पढ़े:-बुलेट ट्रेन से जुड़े यह दो शहर तो पर्यटन उद्योग को होगा सबसे अधिक फायदा अतुल राय की है बाहुबली वाली छविअतुल राय की छवि बाहुबली नेता वाली है लेकिन उनके साथ रहने वालों का दावा रहता है कि वह मिलनसार है और विरोधियों ने साजिश के तहत यह छवि बनायी है। रेप का आरोप को भी उन्होंने साजिश बताया था। फिलहाल अतुल राय का मामला अभी कोर्ट में विचाराधीन है लेकिन संसद भवन में शपथ लेकर उन्होंने अपना बड़ा सपना पूरा किया है।
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