काशी के गांव होंगे शहर जैसे, अयोध्या मॉडल की तर्ज पर हाईटेक होगी महादेव की नगरी
रामनगरी अयोध्या के बाद अब महादेव की नगरी वाराणसी की सूरत बदलने की तैयारी शुरू हो गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) के निर्देश पर वाराणसी शहर समेत सूबे के 13 जिलों में अयोध्या मॉडल कार्ययोजना का सिटी विजन प्लान बनने जा रहा है।
काशी के गांव होंगे शहर जैसे, अयोध्या मॉडल की तर्ज पर हाईटेक होगी महादेव की नगरी
वाराणसी. रामनगरी अयोध्या के बाद अब महादेव की नगरी वाराणसी की सूरत बदलने की तैयारी शुरू हो गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) के निर्देश पर वाराणसी शहर समेत सूबे के 13 जिलों में अयोध्या मॉडल कार्ययोजना का सिटी विजन प्लान बनने जा रहा है। यह प्लान तीन कार्यों पर आधारित होगा। पहला आधारभूत व ढांचागत विकास, दूसरा शहरी नियोजन और तीसरा शहर की मौलिक पहचान, परम्परा और संस्कृतियों को बनाए रखने के लिए होंगे। यह प्लान इस तरह से तैयार किया गया है कि आने वाले समय में वाराणसी में जरूरत के अनुसार, विकास की सभी चीजें उपलब्ध हों।
वाराणसी दौरे पर आए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बीती फरवरी में शहर की बुनियादी सुविधाओं, यातायात सहित अन्य आवश्यकताओं के लिए अयोध्या विकास प्राधिकरण के सिटी विजन प्लान की तर्ज पर कार्ययोजना तैयार करने का निर्देश दिया था। कोरोना की दूसरी लहर के चलते प्रोजेक्ट ठंडे बस्ते में चला गया था। अब मंडलायुक्त दीपक अग्रवाल ने पहल करते हुए वीडीए को प्लान तैयार करने के लिए कंसल्टेंट चयन का निर्देश दिया है। वीडीए कंसल्टेंट चयन के लिए जल्द ही आरएफपी जारी करेगा। 10 सेक्टर में संबंधित विभागों के फंड का कंवर्जेंस होगा। विभागों से संबंधित कार्ययोजना कंसल्टेंट कंपनी तैयार करेगी। काम कराने की जिम्मेदारी विभाग और कंपनी दोनों की होगी। नए विजन प्लान में नगर निगम में शामिल नए गांवों और अर्द्ध शहरी क्षेत्र में विकास पर ज्यादा फोकस किया जाएगा।
यह शहर शामिल होंगे विजन प्लान में वाराणसी के साथ ही राजधानी लखनऊ, कानपुर, चित्रकूट, प्रयागराज, झांसी, गोरखपुर, मेरठ, सहारनपुर, आगरा, मथुरा, बरेली और मुरादाबाद जिलों में विजन प्लान के तहत काम किया जाएगा। यहां 10 सेक्टर मसलन पर्यटन, पेयजल आपूर्ति, सीवरेज, वाटर हार्वेस्टिंग, आपदा प्रबंधन, अर्बन मोबिलिटी व ट्रांसपोर्ट, ग्रीन फील्ड टाउनशिप, रोड इंम्प्रूवमेंट व पार्किंग, कूड़ा निस्तारण और सौर ऊर्जा उत्पादन के क्षेत्र में काम होगा।