1986 में स्थापित हुआ था ये चर्च
साल 1986 में स्थापित इस चर्च में हर रविवार लोग भोजपुरी में प्रार्थना करने के लिए आते हैं। खासतौर पर क्रिसमस (Christmas 2024) के अवसर पर यहां बड़े कार्यक्रम किए जाते हैं। चर्च में की जाने वाली प्रार्थना में “यीशु आवा ना हमरो नगरिया…” जैसे भोजपुरी भजनों का समावेश किया जाता है।
क्या है भोजपुरी में प्रार्थना करने के पीछे का उद्देश्य
पादरी एंड्रयू थॉमस ने बताया कि इस चर्च की स्थापना के शुरुआती समय में प्रार्थनाएं अंग्रेजी में ही होती थीं लेकिन पिछले कुछ वर्षों से स्थानीय भाषा में प्रार्थना की परंपरा शुरू की गई। उनका मानना है कि भोजपुरी भाषा का उपयोग करने से अधिक से अधिक लोग प्रभु यीशु के करीब आते हैं और उनकी प्रार्थनाओं को बेहतर ढंग से समझ पाते हैं। पादरी ने बताया कि क्रिसमस के लिए तैयारियां (Christmas Decorations) जोरों पर हैं। 25 दिसंबर को चर्च में खास आयोजन किए जाएंगे। इन आयोजनों में प्रार्थना सभा, सांस्कृतिक कार्यक्रम, और एक खास नाट्य प्रस्तुति शामिल है। उन्होंने कहा कि यीशु मसीह का जन्मदिन प्रेम और भाईचारे का संदेश लेकर आता है जिसे पूरी दुनिया में मनाया जाता है।