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झुन्ना पंडित बेहद शातिर अपराधी है। किसी वारदात को अंजाम देना होता था तो वह बाइक का प्रयोग करना पसंद करता था। घटना करने के बाद वह थोड़ी दूर बाइक से भागता था फिर बाइक छोड़ कर लग्जरी वाहन पर सवार हो जाता था इसके बाद आराम से हवाई जहाज से वह किसी अन्य राज्य में चला जाता था पुलिस उसकी तलाश में शहर भर में नाकेबंदी करती थी लेकिन वह आराम से उड़ कर निकल जाता था।
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झुन्ना पंडित पर कत्ल, रंगदारी समेत कुल 39 मुकदमे दर्ज हैं। कैंट, सारनाथ व शिवपुर में सबसे अधिक मुकदमे झुन्ना के नाम पर दर्ज है। झुन्ना खुद तो कक्षा ९ पास है लेकिन उसकी प्रेमिका जेएनयू में बढ़ती है और बनारस में दिव्यांग दिलीप की हत्या करने के बाद झुन्ना प्लेन से दिल्ली भी गया था जहां पर जेएनयू में पढऩे वाली प्रेमिका से मिलने गये थे लेकिन क्राइम ब्रांच व पुलिस को इसकी भनक लग गयी थी और वह भाग निकला था।
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पाइव व्यवसायी धमेन्द्र गुप्ता व दिलीप की हत्या करने के बाद झुन्ना पंडित पर पुलिस ने एक लाख का इनाम रखा था। पुलिस, क्राइम ब्रांच व एसटीएफ उसे खोज रही थी। इस बात की संभावना था कि यदि वह पुलिस के हत्थे चढ़ता तो एनकाउंटर में मारा जा सकता था इसलिए झुन्ना पंडित पर पूर्वांचल के एक बड़े नेता का हाथ है इसलिए वह पुलिस से बच निकलने में कामयाब रहा। चर्चा है कि पुलिस के एनकाउंटर से बचने के लिए झुन्ना पंडित की पंजाब में दो पिस्टल के साथ गिरफ्तारी हुई है। बनारस पुलिस उसे वारंट बी के जरिए लायेगी। एक बात तो साबित हो गया है कि झुन्ना पंडित अब बड़ा बदमाश हो चुका है और बालिग हो जाने के बाद पुलिस उसे कभी पकड़ नहीं पायी है। झुन्ना पर एनकाउंटर का खौफ चढ़ता है तो चुपके से कोर्ट में सरेंडर कर देता है या फिर उसकी अन्य किसी राज्य में गिरफ्तारी हो जाती है।
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