कोर्ट ने कहा, जनप्रतिनिधियो का केस है, एसीजेएम पंचम ही करेंगे सुनवाई बता दें कि वरिष्ठ अधिवक्ता हरिशंकर पांडेय की ओर से एसीजेएम पंचम उज्जवल उपाध्याय की अदालत में समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव और एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी तथा अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी के पदाधिकारियों व अन्य पर धार्मिक भावना आहत करने के आरोप में मुकदमा दर्ज करने की मांग संबंधी अर्जी दी गई है। इस मामले में संबंधित पत्रावली एसीजेएम पंचम के अवकाश पर रहने के कारण एसीजेएम तृतीय नितेश सिन्हा की अदालत में पेश की गई। लेकिन अदालत ने कहा कि नियमित कोर्ट अर्थात एसीजेएम पंचम कोर्ट ही इस मामले पर पर सुनवाई करेगी। जानकारी के मुताबिक एसीजेएम तृतीय ने कहा कि मामला सांसद-विधायक से जुड़ा है। ऐसे में इसके लिए गठित विशेष कोर्ट ही मुकदमे की पोषणीयता के मसले पर सुनवाई करेगी। हालांकि वादी के अधिवक्ताओं का कहना रहा कि जो अधिकार विशेष कोर्ट को है वही उसकी लिंक कोर्ट को भी कानून में दिया गया है। इस पर कोर्ट ने कहा कि कि मामला स्थानांतरित होकर आता तब हम सुनवाई करते। यह प्रकरण एसीजेएम पंचम के अवकाश पर रहने के कारण हमारे सामने आया है। लिहाजा एसीजेएम पंचम कोर्ट ही इस पर सुनवाई करेगी। कोर्ट ने सुनवाई की अगली तिथि 27 जून घोषित कर दी।
विश्व वैदिक सनातन संघ के प्रमुख जितेंद्र सिंह विसेन की रिवीजन याचिका पर सुनवाई 23 को वहीं विश्व वैदिक सनातन संघ के प्रमुख जितेंद्र सिंह विसेन द्वारा जिला जज डॉ एके विश्वेस की अदालत में दाखिल ज्ञानवापी स्थित भगवान विश्वेश्वर के मंदिर के मूल ढांचे को ध्वस्त करने के आरोप में मुस्लिम पक्ष पर मुकदमा दर्ज करने की मांग संबंधी रिवीजन याचिका पर अब सुनवाई 23 जून को होगी। दरअसल जिला जज के अवकाश पर होने के कारण सुनवाई के लिए अपर जिला जज द्वितीय की अदालत में याचिका पेश की गई थी। लेककिन कोर्ट नेअ जिला जज के समक्ष रिवीजन याचिका पेश करने का आदेश सुनाते हुए सुनवाई के लिए 23 जून की तिथि नियत कर दी।
विश्व वैदिक सनातन संघ प्रमुख की ये है मांग विश्व वैदिक सनातन संघ के प्रमुख जितेंद्र सिंह बिसेन की रिवीजन याचिका में बताया गया है कि ज्ञानवापी परिसर स्थित आदि विश्वेश्वर के मंदिर के मूल ढांचे को क्षतिग्रस्त किया गया है। ऐसे में वहां अवैध तरीके से काबिज अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी और उससे जुड़े लोगों के खिलाफ प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट (स्पेशल प्रॉविजंस) 1991 और अन्य कानूनों के तहत आपराधिक धाराओं में मुकदमा दर्ज किया जाए। यहां ये भी बता दें कि बिसेन ने चौक थाने में भी ऐसी शिकायत की थी। वहां से कार्रवाई न होने पर उन्होंने सीजेएम अदालत में याचिका दायर की थी जो खारिज हो चुकी है।