वाराणसी में विश्व प्रसिद्ध देव दीपावली काफी भव्य और व्यापक स्तर पर मनाई जाती है। इस दिन दुनिया भर से सैलानियों का जमावड़ा घाटों पर लगता है। नौकाओं पर बैठकर लोग देव दीपावली के नजारे का आनंद लेते हैं। आरती भी होती है। भीड़ की वजह से देव दीपावली पर गंगा में जाम की स्थिति बन जाती है। इस परिस्थिति में डीजल से निकले वाले प्रदूषण से पर्यावरणीय खतरा बढ़ जाता है। इसलिए इस बार प्रदूषण को कम करने के लिए सीएनजी आधारित बोट चलाने का फैसला किया गया है।
सीएनजी नौकाओं के फायदे सीएनजी नौकाओं की खासियत यह है कि यह डीजल इंजन के अपेक्षा आधे खर्चे में दोगुनी दूरी तय करेगी। गंगा में फ्लोटिंग सीएनजी स्टेशन की भी योजना है। इससे गंगा के बीच में भी सीएनजी भरी जा सकेगी। गंगा में करीब 1700 छोटी-बड़ी नावें चलती हैं। इनमे से करीब 500 बोट डीजल इंजन से चलने वाली है। 177 बोट में सीएनजी इंजन लगा चुका है। बचे हुए मोटर बोट देव दीपावली तक सीएनजी इंजन से चलाए जाएंगे।
घाटों पर जलेंगे 15 लाख दीये डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या ने ट्वीट किया है कि ‘अयोध्या के बाद बाबा विश्वनाथ की नगरी वाराणसी में होगा, भव्य दीपोत्सव देव दीपावली के अवसर पर काशी के घाटों पर 15 लाख दीये सजेंगे। कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर काशी में होने वाले देव दीपावली के आयोजन के लिए स्थानीय प्रशासन तैयारियों में जुट गया है।’