वाराणसी. पहाड़ों पर हो रही झमाझम बारिश के चलते बनारस में गंगा लगातार बढ़ाव पर है। पानी बढऩे से अधिकतर घाटों का सम्पर्क टूट चुका है। जलस्तर में लगातार बढ़ाव को देखते हुए घाट किनारे रहने वालों में खलबली मच गयी है। केन्द्रीय जल आयोग के अनुसार शुक्रवार को शाम चार बजे गंगा का अधिकतम जलस्तर 65.30 मीटर दर्ज किया गया है जो वार्निंग लेबल 70.32 से लगभग पांच मीटर नीचे हैं। प्रति एक सेंटीमीटर की दर से गंगा में बढ़ाव हो रहा है। यह भी पढ़े:-अटल बिहारी वाजपेयी ने इस बच्चे का नाम रखा था आपातकाल, जानिए बड़ा होकर क्या कर रहा वह बेटा
IMAGE CREDIT: Patrika सामान्य तौर पर गंगा का रौद्र रुप भाद्रो में ही दिखायी पड़ता है। सावन में अधिक बारिश नहीं हुई थी जिसके चलते गंगा में बढ़ाव तो हुआ था लेकिन बहुत अधिक जलस्तर नहीं बढ़ा था। पहले पहाड़ों पर अधिक पानी नहीं बरसा था इसका प्रभाव भी जलस्तर पर पड़ा था लेकिन अब स्थिति में तेजी से बदलाव हो रहा है। पहाड़ों पर लगातार पानी बर रहा है इसलिए गंगा में एक बार फिर बढ़ाव शुरू हो गया है। घाट किनारे रहने वाले सम्पर्क मार्ग से ही एक से दूसरी जगह पर जाते हैं लेकिन जलस्तर बढऩे से घाटों के सम्पर्क मार्ग डूब गये हैं इसलिए उन्हें अब दूसरी जगह पर जाने के लिए परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। जलस्तर बढऩे का असर शवदाह पर भी पड़ा है और शवदाह करने से आये लोगों को जगह की कमी का सामना करना पड़ रहा है। यह भी पढ़े:-यह चार बाहुबली नहीं दिखा पाये थे ताकत, मुख्तार अंसारी का ही दिखा था जलवा
बंद है नाव का संचालन, नाविकों की कमाई पर पड़ा असर गंगा में जलस्तर बढऩे से नाव का संचालन पहले से ही बंद किया गया है। इसके चलते पर्यटक भी नौका विहार करने नहीं जा रहे हैं। नाविकों की मुख्य आमदानी इन्ही पर्यटकों से होती है ऐसे में गंगा का जलस्तर बढऩे से उनकी कमाई प्रभावित हो रही है। गंगा में पानी बढऩे का असर वरुणा नदी पर भी दिखायी देने लगा है। वरुणा व गंगा किनारे रहने वालों ने सुरक्षित स्थान पर जाना शुरू भी कर दिया है। यह भी पढ़े:-प्रियंका गांधी ने जहां पर बनायी बढ़ी बढ़त, वही पर पिछड़ते जा रहे अखिलेश यादव व मायावती