पत्ते बेचकर आजीविका चलाता है परिवार
बताया जा रहा है कि ये चारों बच्चे दो परिवारों के हैं जो काशी रेलवे स्टेशन के पास झोपड़ी में रहते हैं और पत्ते बेचकर आजीविका चलाते हैं।
सोनभद्र के राबर्ट्सगंज के निवासी बलिराम और चंदौली के बुहेर के निवासी बिहारी अपने-अपने परिवारों के साथ यहां रह रहे हैं। लापता बच्चों में बलिराम का सात वर्षीय बेटा कल्लू और दो साल की बेटी खुशबू तथा बिहारी का छह वर्षीय बेटा गोलू और 12 वर्षीय बेटी ज्योति शामिल हैं। परिजनों द्वारा अपने बच्चों को आसपास खोजने की कोशिश करने के बाद भी जब बच्चों का पता नहीं चला, तो उन्होंने पुलिस को इस बारे में सूचित किया।
नमो घाट की ओर जाते हुए दिखाई दिए थे बच्चे
बच्चों के लापता होने की घटना से परिवार बेहद चिंतित है। बताया जा रहा है कि सभी परिवार बुधवार को यहां आए थे और स्टेशन के पास ही ठहरे थे। अगले सुबह जब परिवार के सदस्यों ने देखा तो बच्चे वहां नहीं थे। पहले जीआरपी और आरपीएफ को सूचना दी गई लेकिन जब बच्चों का कुछ पता नहीं चला तो आदमपुर पुलिस को मामले की जानकारी दी गई। पुलिस निरीक्षक वीरेंद्र सोनकर ने बताया कि बच्चों के पास थोड़े पैसे थे और सीसीटीवी फुटेज से पता चला है कि वे नमो घाट की ओर जाते हुए दिखाई दिए हैं।
कयास लगाया जा रहा है कि देव दीपावली का पर्व नजदीक है और नमो घाट का लोकार्पण भी कल ही होना है। घाट को विशेष रूप से सजाया गया है जिसके चलते वहां रोशनी और सजावट की गई है। माना जा रहा है कि बच्चों का ध्यान इस सजावट ने खींचा होगा और वे इसे देखने के लिए घाट की ओर चले गए होंगे।