काली महाल में सुबह सम्पत्ति विवाद में पिशाच मोचन में कर्मकांड गद्दी संचालक केके उपाध्याय व उनकी पत्नी ममता उपाधयाय की ताबड़तोड़ गोली मार कर हत्या कर दी थी। अपराधियों ने मृतक के बेटे सुमित की भी हत्या का प्रयास किया था लेकिन वह बच गया था और सुमित का आरोप था कि उसके चाचा राजेन्द्र उपाध्याय, चाची पूजा उपाध्याय व चचेरा भाई रजत उपाध्याय ने अपने सहयोगी के साथ घटना को अंजाम दिया था। सुमित खुद घटना का चश्मदीद गवाह है और उसी ने नामजद एफआईआर दर्ज करायी थी। घटना की गंभीरता को देखते हुए एसएसपी आनंद कुलकर्णी भी मौके पर पहुंचे थे और जल्द आरोपियों का जल्द पकडऩे का आश्वासन दिया था। चेतगंज पुलिस ने इस मामले में कई लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा था लेकिन मुख्य आरोपी पुलिस की पकड़ से बाहर थे। पुलिस ने आरोपियों को पकडऩे में सारी ताकत लगा दी थी लेकिन सफलता नहीं मिल पायी और आरोपियों ने आराम से कोर्ट में सरेंडर कर दिया। पुलिस भले ही इसे भी अपनी सफलता मान रही है कि उसके दबाव में ही आरोपियों ने सरेंडर किया है लेकिन पुलिस द्वारा गिरफ्तारी नहीं कर पाने व हत्या में प्रयुक्त असलहा बरामद नहीं होने से केस पर असर पड़ सकता है।
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