मायावती व अखिलेश यादव ने लोकसभा चुनाव से पहले ही गठबंधन किया है। इस गठबंधन से कांग्रेस को नहीं शामिल किया गया है। सपा-बसपा गठबंधन से झटका मिलने के बाद कांग्रेस ने अपनी ताकत दिखाने की तैयारी की है। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रियंका गांधी वाड्रा को पूर्वी यूपी की कमान देकर कांग्रेस में नयी ऊर्जा का संचार किया है। यूपी में कमजोर हो चुकी कांग्रेस को प्रियंका गांधी से बड़ी उम्मीद है। बीजेपी ने भी यूपी की 80 सीटों पर दम दिखाने के लिए अनुप्रिया पटेल व ओमप्रकाश राजभर से गठबंधन किया है भले ही बीजेपी का सहयोगी दल से विवाद हो लेकिन किसी दल से अभी तक बीजेपी का साथ नहीं छोड़ा है। इसी क्रम में सपा व बसपा के साथ अन्य दल जुड़े हैं। कांग्रेस भी इसी राह पर चलते हुए गठबंधन की तैयारी की है। शिवपाल यादव की पार्टी से कांग्रेस की वार्ता हो रही है यदि सीटों पर सहमति बन जाती है तो फरवरी में कांग्रेस व शिवपाल यादव के गठबंधन पर मुहर लग जायेगी।
यह भी पढ़े:-प्रियंका गांधी की एंट्री से बसपा हुई परेशान, इन प्रत्याशियों को मिल सकता है अधिक टिकट कांग्रेस व शिवपाल यादव के लिए गठबंधन हो गया है जरूरीशिवपाल यादव व कांग्रेस अकेले यूपी की 80 सीटों पर ताकत दिखाने की क्षमता नहीं रखते हैं इसलिए दोनों दलों ने गठबंधन की तैयारी की है। शिवपाल यादव की पार्टी के नेता ने साफ कहा है कि वार्ता चल रही है और फरवरी में अंतिम निर्णय हो जायेगा। कांग्रेस व शिवपाल यादव में गठबंधन होने से दोनों ही दलों को फायदा मिलेगा। यदि यह गठबंधन सफल होता है तो सबसे अधिक नुकसान सपा व बसपा को होगा। पीएम नरेन्द्र मोदी व अमित शाह की जोड़ी को शिकस्त देने के लिए कांग्रेस को एक बड़ा सहयोगी मिल जायेगा।
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