डीएम ने कहा कि नाविक चाहे तो लाइफ जैकेट के लिए प्रति पर्यटक पांच रुपये चार्ज कर सकते हैं। नाव में लगे डीजल इंजन से होने वाले प्रदूषण पर भी जिलाधिकारी ने चिंता जतायी है कहा कि डीजल इंजन से चलने वाली नावों को सीएनजी इंजन में परिवर्तित किया जाये। प्रत्येक नाव के अंदर डस्टबीन हो और नाव पर सवारियों को बैठाने की क्षमता भी लिखनी अनिवार्य है। बैठक में जिलाधिकारी को पता चला कि कुछ लोग गंगा में कूड़ा फेंक रहे हैं और पान भी थूकते हैं इस पर डीएम ने अफसोस जताते हुए कहा कि जिस हम लोग मां मानते हैं उसी पर कैसे थूक सकते हैं। गंगा के बढ़ते जलस्तर को लेकर भी डीएम ने आदेश जारी किये हैं। उन्होंने नगर निगम को निर्देश देते हुए कहा कि पानी से खराब हो रही चेंजिंग रुम को सुरक्षित जगह पर शिफ्ट किया जाये। नाविकों को अब वाटर ट्रांसपोर्ट के लिए तैयार रहना चाहिए और दो घाट के बीच वाटर ट्रांसपोर्ट शुरू करने का भी निर्देश दिया है।
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बैठक में सदस्यों ने वरूणा नदी में भी नौका विहार शुरू करने का सुझाव दिया है। कहा गया कि ऐसा होने से वरूणा में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और वहां की व्यवस्था भी पहले से ठीक होगी। बताते चले कि अखिलेश यादव सरकार ने वरूणा नदी की सेहत सुधारने के लिए वरुणा कॉरीडोर की नीव रखी थी जो सीएम योगी आदित्यनाथ सरकार में पूरी हुई है। इसके बाद भी वरूणा की स्थिति में सुधार नहीं हुआ है। वरूणा में आज भी सीवर का पानी जा रहा है और मानसून का मौसम खत्म होते ही वरूणा नदी में पानी की कमी हो जाती है। यदि वरूणा में नौका विहार आरंभ हो जाता है तो यहां पर साल भर पानी रहने की उम्मीद जाग सकती है।
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