बटुक भैरव मंदिर में यह साल का सबसे बड़ा श्रृंगार होता है। इसकी तैयारी पहले से ही की जाती है। मंदिर के बाहर गुफा बनायी गयी थी, जहां पर रखे पानी के झरने से इसकी सुंदरता बढ़ गयी थी। गुफा के अंदर ही मां वैष्णो देवी की प्रतिमा रखी थी। भक्तों को ऐसा लग रहा था कि वह सही में ही वैष्णो देवी धाम पहुंच गये हैं। मां के यहां पर सर झुकाने के बाद भक्त सीधे बाबा बटुक भैरव के दरबार में जा रहे थे। मंदिर के अंदर भी भव्य ढंग से सजावट हुई थी। बाबा के गर्भ गृह को जल से भरा गया था और वहां पर झरने के बीच विराजे बाबा बटुक भैरव अपने भक्तों की मनोकामना पूर्ण कर रहे थे। वटुक भैरव मंदिर का यह श्रृंगार बेहद खास होता है और इस दिन मंदिर में दर्शन करने के लिए भक्त दूर- दराज से आते हैं।
यह भी पढ़े:-सीएम योगी ने फिर दिया मौका, क्या अब बदलेगी पीएम मोदी की काशी की तस्वीर सुर-संगीत के कार्यक्रम ने समारोह को बनाया यादगारमंदिर में श्रृंगार के साथ ही संगीत का कार्यक्रम भी आयोजित किया गया है। सुबह से ही कलाकार भजनों के माध्यम से बाबा बटुक भैरव का नमन करने में जुटे थे। भक्त भी बाबा के भजनों पर झूम रहे थे और बाबा का दर्शन करने के बाद उन्हें प्रसाद का भी वितरण किया जा रहा है।
यह भी पढ़े:-बीजेपी को 325 सीटे जीतने का हो रहा फायदा, विरोधियों ने डाला हथियार बटुक भैरव करते हैं सभी मनोकामना पूर्णबटुक भैरव अपने भक्तों की सभी मनोकामना पूर्ण करते हैं। धार्मिक मान्यता है कि शिव के बाल रुप बाबा बटुक भैरव जल्द ही भक्तों से प्रसन्न हो जाते हैं। एक बार भक्तों को बाबा का आशीर्वाद मिल गया तो जीवन में आने वाली सभी समस्यों का समाधान हो जाता है।
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